तो वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने उमर की हत्या में शामिल 6 आतंकियों की पहचान के बारे में दावा किया है। जम्मू- कश्मीर पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा है कि हालांकि फैयाज के शरीर पर किसी तरह की यातना के निशान नहीं पाए गए हैं। लेकिन पोस्टमार्टम के बाद इससे जुड़ी सारी जानकारी साफ हो जाएगी। उमर फैयाज के शरीर पर दो गोलियां के जख्म के निशान हैं।
पुलिस महानिरीक्षक एसजेएम गिलानी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक, यह हत्या शोपियां में सक्रिय हिजबुल के आतंकियों की ओर इशारा करता है। साथ ही बताया कि पुलिस को घटनास्थल से एक इंसास राइफल और दो खाली कारतूस भी बरामद हुए हैं। जहां सेना के अधिकारी की हत्या हुई थी।
उन्होंने बताया कि दक्षिणी कश्मीर में हाल के दिनों में राइफल लूट की दो वारदात हुई हैं। उनका कहना कि हमारे पास कुछ सबूत है, जिससे पता चलता है कि कुलगाम में जो घटना हुई थी उसके पीछे लश्कर आतंकवादियों का हाथ था, तो वहीं शोपियां अदालत परिसर से हथियार लूट में हिजबुल के आतंकी थे। वहीं बताया कि इस घटना के बाद घाटी में रह रहे स्थानीय लोगों के बीच हमारे लिए समर्थन बढ़ा है।
गौरतलब है कि उमर फैयाज अपने रिश्तेदार के घर शादी कार्यक्रम में शरीक होने गए थे। जो कि उनके यहां से 74 किलोमीटर दूर बाटापुरा में स्थित है। इसी दौरान उनको अगवा किया गया और फिर गोलियों से छलनी कर उनकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद बुधवार को कुलगाम के तामीरा सिधा गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने उनके शव को देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी थी।