गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्विटर पर वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता बड़ी होती हैं…लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार को काम न करने देना…लोकतंत्र की हत्या है…आज कैबिनेट की बैठक में 27 सितंबर को सत्र बुलाने का फैसला लिया गया… नदियों को रोका नहीं जा सकता, वो अपने रास्ते खुद बनाती हैं… इंकलाब जिंदाबाद!
इससे पहले भगवंत मान ने ट्वीट किया था कि राज्यपाल द्वारा विधानसभा ना चलने देना देश के लोकतंत्र पर बड़े सवाल पैदा करता है… अब लोकतंत्र को करोड़ों लोगों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि चलाएंगे या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया हुआ एक व्यक्ति… एक तरफ भीमराव जी का संविधान और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस…जनता सब देख रही है।
दूसरी ओर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 22 सितंबर, गुरुवार को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र को रद्द करते हुए यह तर्क दिया कि सरकार खुद विधानसभा में इस तरह का विश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकती है। एक पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने ये निर्णय लिया क्योंकि राज्य सरकार द्वारा ‘विश्वास प्रस्ताव’ लाने के लिए इस तरह से विशेष सत्र बुलाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।”
दूसरी ओर आप सरकार की ओर से राज्यपाल पर लगाए गए आरोपों पर बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। राजधानी चंडीगढ़ में बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता आप सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हाथों में तख्तियों लिए सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को पंजाब पुलिस ने रोकने की कोशिश की। लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी रहा। फिर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार छोड़ी।
उल्लेखनीय हो कि बीते दिनों आप नेता ने पंजाब में बीजेपी पर आम आदमी पार्टी विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया था। आप नेता ने कहा था कि उनके 7-10 विधायकों को बीजेपी ने 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने 22 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। जिसमें सरकार बहुमत परीक्षण करती। लेकिन राज्यपाल ने इसकी इजाजत नहीं दी।