राज्यपाल के इस फैसले पर पंजाब में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “राज्यपाल कैबिनेट द्वारा बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खत्म है। दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाजत दी। जब ऑपरेशन लोटस फेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फोन आया कि इजाजत वापिस ले लो। आज देश में एक तरफ संविधान है और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस।” AAP ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैन्डल से लोकतंत्र की हत्या बताया करार दिया है और कहा है कि बीजेपी के इशारे पर ये किया जा रहा है। अब आम आदमी पार्टी ने इसपर प्रतिक्रिया देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है।
बता दें आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश के आरोप लगाए थे और कहा था कि उसके 10 विधायकों को बीजेपी ने 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने 22 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। इसके जरिए वो अपना बहुमत टेस्ट देती और दिखाती कि बीजेपी द्वारा विधायकों को तोड़ने की कोशिश नाकाम साबित हुई है। इस सत्र के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई थी।