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सियाचिन बेस कैंप पहुंचे राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री ने कहा- ये भारत के शौर्य और पराक्रम की राजधानी है

Rajnath Singh in Siachen: राजनाथ सिंह ने सियाचिन के कुमार पोस्ट पर तैनात सशस्त्र बल के जवानों से भी बातचीत की और देश की संप्रभुता और दृढ़ता की रक्षा करते समय कर्तव्य को हर चीज से ऊपर रखने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

नई दिल्लीApr 22, 2024 / 03:45 pm

Akash Sharma

Rajnath Singh said Siachen is India capital of valor and bravery

Rajnath Singh in Siachen: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन कोई साधारण भूमि नहीं है। यह उन भारतीय सैनिकों के बलिदान, वीरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, जो बेहद खराब हालात और खराब मौसम में भी मातृभूमि की रक्षा करते हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन कोई साधारण भूमि नहीं है। यह उन भारतीय सैनिकों के बलिदान, वीरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, जो बेहद खराब हालात और खराब मौसम में भी मातृभूमि की रक्षा करते हैं। राजनाथ सिंह ने सियाचिन के कुमार पोस्ट पर तैनात सशस्त्र बल के जवानों से भी बातचीत की और देश की संप्रभुता और दृढ़ता की रक्षा करते समय कर्तव्य को हर चीज से ऊपर रखने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राजनाथ ने कहा, ‘सियाचिन की भूमि कोई साधारण भूमि नहीं है। जैसे नई दिल्ली हमारी राजनीतिक राजधानी है, मुंबई हमारी वाणिज्यिक राजधानी है और बेंगलुरु तकनीकी राजधानी है, उसी तरह जब शौर्य, बलिदान और पराक्रम की बात आती है तो सियाचिन देश की राजधानी है।’

‘पर्व-त्योहार पहले सियाचिन की चोटियों पर मनाए जाने चाहिए’- रक्षामंत्री 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन में जवानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरे अनुसार दीपावली का पहला दीया, होली का पहला रंग भारत के रक्षकों के नाम होना चाहिए। हमारे सैनिकों के साथ होना चाहिए। पर्व-त्योहार पहले सियाचिन की चोटियों पर मनाए जाने चाहिए। राजस्थान के तपते रेगिस्तान में मनाए जाने चाहिए, हिन्द महासागर की गहराई में स्थित पनडुब्बी में जवानों के साथ मनाए जाने चाहिए।’

 Rajnath Singh said Siachen is India capital of valor and bravery

 ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के 40 साल पूरे 

13 अप्रैल 1984 को लॉन्च किए गए ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के 40 साल पूरे होने के मौके पर भारतीय सेना ने जश्न मनाया। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी साथ थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि त्योहार सबसे पहले देश के रक्षकों के साथ मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं तीनों सेनाओं के प्रमुखों से एक दिन पहले सैनिकों के साथ त्योहार मनाने की नई परंपरा स्थापित करने का आग्रह करता हूं।’

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