पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की सर्जिकल कार्रवाई का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हमले रोकने के लिए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के लोगों का बुरा नहीं चाहता। पाकिस्तान ने आतंकवाद को राष्ट्र नीति के तौर पर अपना लिया है और इसे बढ़ावा दे रहा है। यही कारण है कि वह केवल दक्षिण एशिया में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अलग-थलग हो गया है।
राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर सहित पूरे पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान की मदद के लिए भारत तैयार है। कुछ देश व समूह भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि भारत का आर्थिक रसूख दुनिया में बढ़ रहा है।पाकिस्तान से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को सील करने के लिए उठाए गए कदमों की ओर इशारा करते हुए मंत्री ने कहा कि यह काम दिसंबर 2018 तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितयों के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा के लगभग 181.85 किलोमीटर के दायरे को फेंसिंग या किसी अन्य भौतिक माध्यम से सील करना संभव नहीं है। राजनाथ ने कहा कि ऐसी जगहों को कैमरा, सेंसर, रडार तथा लेजर्स सहित उन्नत प्रौद्योगिकी माध्यमों से सील किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) उपलब्ध प्रौद्योगिकी का जम्मू, पंजाब व गुजरात में पायलट परियोजना के तहत परीक्षण कर रहा है। सीमा सुरक्षा बेहद संवेदनशील मुद्दा है और भारत सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को छोड़कर अपने सभी पड़ोसियों के साथ कूटनीति का इस्तेमाल कर रहा है।
सवालों को जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि भारत के लिए कट्टरता एक बड़ी चुनौती नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू एवं कश्मीर में जल्द से जल्द हालात सामान्य हो जाएंगे।