दरअसल, जेठमलानी ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद अहमद कसूरी से मजाकिया अंदाज में कहा कि वह उनके पास आएं, मसला आसानी से सुलझ जाएगा। शर्त सिर्फ इतनी है कि कसूरी रात आठ बजे उस वक्त उनके पास आएं जब उनका व्हिस्की टाइम होता है। तो वहीं जवाब में कसूरी ने भी उसी अंदाज में कहा कि बिलकुल सर। यह मेरे लिए सम्मान की बात होगी।
तो वहीं संवादों के इस आदान – प्रदान ने मंगलवार को हुई इस परिचर्चा के तनावपूर्ण माहौल को काफी हद तक सहज बना दिया। परिचर्चा का आयोजन सेंटर फार पीस एंड प्रोग्रेस ने किया था और इसका विषय ‘इंप्रूविंग इंडो-पाक रिलेशन्स’ था। इस पर कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में दी गई मौत की सजा का मुद्दा छाया रहा।
गौरतलब है कि कश्मीर मसले पर ‘नीदर अ हॉक, नार अ डव’ किताब लिखने वाले कसूरी ने कहा कि ऐसे में जब दोनों देशों के बीच हालात अच्छे नहीं हैं, यह यहां होने के लिए अच्छा समय नहीं है। साथ ही कसूरी ने कहा कि, ऐसे ही हालात में हमें जोर लगाना चाहिए और शांति की बात करनी चाहिए।
इस समारोह में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित भी मौजूद थे। इसमें आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले। सीमापार आतंकवाद का मुद्दा उठा और पाकिस्तान को अलग – थलग करने की बात भी कही गई। इस पर कसूरी ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान जल्द ही फिर शांति की तरफ बढ़ेंगे। उनका कहना कि पीएम मोदी को इतिहास की निश्चित ही समझ होगी, तभी वह इतनी तेजी से उभरे हैं। मोदी भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के इतिहास का हिस्सा बनना चाहते हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी ने कहा कि कश्मीर समेत भारत व पाकिस्तान के सभी मसलों का हल बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि मैंने शाम को आठ बजे के बाद कई मसले सुलझाए हैं, जो मेरा व्हिस्की टाइम है। कसूरी साहब मुझसे आठ बजे रात मिल सकते हैं। इसके बाद फिर मिलें। यकीन मानिए, आज नहीं तो कल, मसला सुलझ जाएगा।
गौरतलब है कि 1947 के बाद के कश्मीर के हालात के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया। साथ ही कहा कि कश्मीर का अपना स्वतंत्र संविधान है और मसले इसके दायरे में सुलझ सकते हैं।परिचर्चा के बीच संवाददाता लगातार कसूरी और बासित से जाधव की सजा के बारे में पूछते रहे और दोनों ने चुप्पी साधे रखी।
खचाखच भरे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक तिलकधारी ने कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर, भाजपा के सुधींद्र कुलकर्णी, कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज तथा अन्य के भाषणों के दौरान टोकाटाकी की। उन्होंने पाकिस्तान पर भारत में बम विस्फोट कराने के आरोप लगाए और कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति की बात करने की जरूरत क्या है। उनकी बात को अधिकांश लोगों ने अनसुना कर दिया।