सच को कब तक छिपाएंगे आंबेकर ने कहा, मैं समझता हूं कि ज्ञानवापी मुद्दे का तथ्य सामने आने दिया जाना चाहिए । सच्चाई को अपना रास्ता तलाशने देना चाहिए । आंबेकर (Sunil Ambekar, RSS Prachar Pramukh) ने साफ कहा कि सच्चाई को अधिक समय तक छिपाया नहीं जा सकता। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा ‘कुछ तथ्य हैं जो सामने आ रहे हैं। मेरा मानना है कि तथ्य को सामने आने देना चाहिए। किसी भी स्थिति में सच्चाई सामने आएगी ही।
इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए आंबेकर ने कहा, आप कितने समय तक सच को छिपाएंगे? मेरा मानना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में समाज के सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि ज्ञानवापी मुद्दे का तथ्य सामने आने दिया जाना चाहिए एवं सच्चाई को अपना रास्ता तलाशने देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बोले, भावुकता वाला क्षण इस समारोह के दौरान मौजूद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भी कहा कि जब उन्हें मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने की जानकारी मिली तब वह भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वह वाराणसी में ही थे, जब यह घटनाक्रम चल रहा था और वह भावुक हो गए। बालियान ने कहा कि जब किसी पत्रकार ने उन्हें बताया कि कई सदी से नंदी शिवजी का इंतजार कर रहे थे, तब उनकी आंखें भर आईं।
प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब मस्जिद गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद, प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है । एक स्थानीय अदालत, हिन्दू महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी दीवार से लगी प्रतिमाओं के समक्ष दैनिक पूजा अर्चना करने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही है तथा अदालत के आदेश के बाद फिलहाल यहाँ (Gyanvapi Survey) सर्वे रोक दिया गया है।
मंदिर आंदोलन के बाद आरएसएस थी मुद्दे से दूर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो, आरएसएस के प्रचार प्रमुख आंबेकर की यह टिप्पणी बेहद अहम मानी जा रही है। याद करें, नौ नवंबर 2019 को जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर मामले में फैसला दिया था, तब ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा स्थित शाही ईदगाह मामले में एक सवाल के जवाब में खुद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ ऐतिहासिक कारणों से रामजन्मभूमि आंदोलन से एक संगठन के तौर पर जुड़ा था, यह अपवाद था। उन्होंने कहा था कि अब हम मानव विकास के साथ जुड़ेंगे।
बता दें ,मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी सर्वे (Gyanvapi Survey) से कोर्ट के आदेश पर हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा (Advocate Commissioner Ajay Mishra Removed) ने 18 मई को सर्वे से संबंधित अपने दो पन्नों की रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन जज रवि कुमार दिवाकर को सौंप दी है। इसके पहले कमिश्नर मिश्रा की अगुवाई में ही 6 और 7 मई को कमीशन की कार्यवाही हुई थी। इसके बाद 14 से 16 मई तक तीन एडवोकेट कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हुआ था, जिसमें शिवलिंग मिलने की चर्चा लगातार मीडिया में बनी हुई है।