scriptRemal cyclone: 36 घंटे बाद 135 KM की रफ़्तार से कहर बरपाएगा ‘रेमल’, 1.5 मीटर तक ऊंची उठेंगी लहरें, जानिए किन-किन राज्यों में मूसलाधार बारिश से होगी तबाही | Remal cyclone: After 36 hours, 'Cyclone Remal' will wreak havoc at a speed of 135 KM per hour, waves will rise up to 1.5 meters, know which states will be devastated by torrential rains | Patrika News
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Remal cyclone: 36 घंटे बाद 135 KM की रफ़्तार से कहर बरपाएगा ‘रेमल’, 1.5 मीटर तक ऊंची उठेंगी लहरें, जानिए किन-किन राज्यों में मूसलाधार बारिश से होगी तबाही

Remal cyclone: भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्र की सतह लगातार गर्म हो रही है। इसके कारण उन्हें लगातार ऊर्जा मिल रही है। इसके कारण चक्रवात लंबे समय तक समुद्र में न केवल रह रहे हैं बल्कि लंबे समय तक अपनी शक्ति बरकरार रख रहे हैं।

नई दिल्लीMay 25, 2024 / 02:50 pm

Anand Mani Tripathi

Cyclonic Storm: बंगाल की खाड़ी में बना रेमल चक्रवात रविवार की आधरी रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से टकराने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि चक्रवात खाड़ी में उत्तर की ओर लगातार बढ़ रहा है। आज रात तक यह बेहद भयानक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। इसके बाद यह पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच तट से टकराएगा। इसकी गति 135 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों में तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश होगी।
यहां होगी मूसलाधार बारिश
मौसम विभाग ने बताया है कि 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात के तट से टकराने के दौरान 1.5 मीटर तक ऊंची लहरें उठेंगी। ऐसी में मछुआरों के समंदर में प्रवेश पर 27 मई तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर और दक्षिण परगना के लिए रेड और हावड़ा, नादिया और पूर्व मेदिनीपुर के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
मानसून से पहले पहला चक्रवात
इस चक्रवात का नाम ओमान ने दिया है। बंगाल की खाड़ी में मानसून से पहले ही आया यह पहला चक्रवात है। हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की प्रणाली के अनुसार इसका नाम रेमल रखा जाएगा। सागर द्वीप से लगभग 660 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव से 25 मई की सुबह तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।
ओडिशा में अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने ओडिशा में भी अलर्ट जारी किया है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तरी ओडिशा में, बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा के तटीय जिलों में 26 और 27 मई को भारी बारिश होगी। 27 मई को मयूरभंज में वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान लोगों को घरों में अंदर रहने और कमजोर संरचनाओं को खाली करने के लिए कहा गया है।
समुद्र की सतह गर्म होने से चक्रवात ले रहे विकराल रूप
भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्र की सतह लगातार गर्म हो रही है। इसके कारण उन्हें लगातार ऊर्जा मिल रही है। इसके कारण चक्रवात लंबे समय तक समुद्र में न केवल रह रहे हैं बल्कि लंबे समय तक अपनी शक्ति बरकरार रख रहे हैं। समुद्र ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन से अतिरिक्त ऊर्जा शोख रहे हैं और फिर चक्रवात बना रहे हैं। 1880 के बाद 30 वर्षों में सबसे अधिक तापमान पाया गया है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पाई बताते हैं कि समुद्र की सतह के तापमान के गर्म होने का मतलब है अधिक नमी, जो चक्रवातों की तीव्रता के लिए अनुकूल है।
बंगाल की खाड़ी में 30 डिग्री तापमान
बंगाल की खाड़ी में इस समय समुद्र का तापमान 30 डिग्री है। कम दबाव में चक्रवात बनने के लिए 27 डिग्री या उससे अधिक होना चाहिए। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन बताया कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर इस समय बहुत गर्म हैं। ऐसे में यहां उष्ण कटिबंधीय चक्रवात बन रहा है। गौरतलब है कि उष्णकटिबंधीय चक्रवात को न केवल महासागर नियंत्रित करते हैं बल्कि वायुमंडल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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