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क्या बिहार में भी गिरने वाली है सरकार! विधानसभा स्पीकर से दो मिनट अकेले में मिलना चाहते हैं तेज प्रताप यादव

locationनई दिल्लीPublished: Jun 30, 2022 07:22:21 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

महाराष्ट्र में मचे सियासी खींचतान के बीच बीते दिनों बिहार में ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों ने पाला बदलने हुए राजद का दामन थाम लिया था। जिसके बाद राजद बिहार में फिर से सबसे बड़ी पार्टी बन गई। अब तेज प्रताप यादव ने स्पीकर से दो मिनट अकेले में मिलने की चाहत जाहिर की है।

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RJD Leader Tej Pratap wants to meet with Vidhansabha Speaker in alone

करीब 10 दिन से महाराष्ट्र में चल रहा सियासी खींचतान उद्धव ठाकरे की सरकार को गिराने के बाद अब लगभग समाप्त हो गया है। शिवसेना से बगावत करने वाले विधायक एकनाथ शिंदे राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। महाराष्ट्र की राजनीति में मचा भूचाल थमने के बाद अब बिहार में सियासी उठापटक होने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं।

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पांच में चार विधायकों ने पाला बदलते हुए राजद का दामन थाम लिया था। इसके बाद आज लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक तौर पर विधानसभा अध्यक्ष से अकेले में मिलने की चाहत का जिक्र किया है। दरअसल राजद विधायक और लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है।

https://twitter.com/UtkarshSingh_/status/1542478615702405120?ref_src=twsrc%5Etfw

इस वीडियो में तेज प्रताप यादव यह कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि वो बिहार के विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से अकेले में मिलना चाहते हैं। वायरल हो रहे वीडियो में तेज प्रताप यादव मीडियावालों को यह भी कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि दो मिनट अकेले में मिलने का क्या मतलब होता है, यह तो आप समझते ही हैं।

122 के जादुई आंकड़े से मात्र छह विधायक दूर महागठबंधन-
बताते चले कि बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें है। यहां सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। इस समय बिहार की एनडीए सरकार के पास कुल 126 विधायकों का समर्थन हासिल है। जबकि विपक्षी महागठबंधन के पास 115 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है।

बीते कुछ दिनों से अलग-अलग मसलों पर बीजेपी और जदयू में तकरार होती दिखी है। दूसरी ओर नीतीश कुमार और तेजस्वी की कई मुलाकातें भी हुई है। यदि महागठबंधन छह और विधायकों को अपने पास जोड़ने में सफल हो जाती है तो उसके पास सरकार बनाने का मौका मिल जाएगा।

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राजद के पास 80, कांग्रेस के 19 तो लेफ्ट के 16 विधायक-
उल्लेखनीय हो कि इस समय राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है। एआईएमआईएम के चार विधायकों के राजद में शामिल होने के बाद आजेडी के विधायकों की संख्या 80 हो गई है। जबकि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं।

एआईएमआईएम के विधायकों को राजद में शामिल कराने के बाद तेजस्वी यादव ने सत्ता का लालच नहीं होने की बात कही थी। लेकिन राजनीति में ऐसे बयानों का कोई मोल नहीं होता। संख्याबल पूरा होते ही कोई भी पार्टी सत्ता में आना चाहती है। ऐसे में तेजप्रताप यादव के बयान से बिहार की राजनीति में कुछ सरगर्मी बढ़ गई है।

 
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