1 जनवरी से गूगल पर आप पेमेंट से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। यह बदलाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देश पर किए जा रहे हैं। यदि एक आदमी गूगल के ऐप पर भी वीजा या मास्टर कार्ड से भुगतान करना चाहते हैं तो उनको अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पिन हर जगह डालनी होगी। गूगल अब इसे सेव नहीं कर पाएगा। अब टोकनाइजेशन सिस्टम के तहत पैसा का आदान-प्रदान होगा। दरअसल वॉलेट या यूपीआई में सेव कार्ड से हो रही ठगी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस तरह से कार्ड सेव करने की ऑप्शन को खत्म करने को कहा था।
ऑनलाइन डेबिट क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने के भी नियम बदल जाएंगे
ऑनलाइन पेमेंट करना अब सामान्य हो गया है। ज्यादातर लोग अपने पास कैश रखने के बजाय ऑनलाइन पेमेंट करना पसंद करते हैं। चाहे वह शॉपिंग करना हो या खाना ऑर्डर करना हो या कैब बुक करनी हो, लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ही करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। अपने पासवर्ड डेबिट और क्रेडिट कार्ड डिटेल्स उसी पोर्टल पर सेव करके रखते हैं। जिस कारण से ऑनलाइन बैंकिंग के साथ साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी में भारी बढ़ोतरी हो रही है। इस ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी मर्चेंट और पेमेंट गेटवे से कस्टम के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की संवेदनशील डिटेल हटाने के लिए कहा है, जो उनके पास सेव है। नए डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के नियम एक जनवरी से अगले साल से लागू हो जाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मर्चेंट और पेमेंट गेटवे कॉलेज इन करने के लिए एन्क्रिप्टेड टोकन का उपयोग करने के लिए भी कहा है।