उन्होंने इस मामले में पाकिस्तान के एक अखबार उम्मत को जिम्मेदार ठहराया है। उनके मुताबिक, अखबार ने मौलवियों पर आरोप लगाया था कि वे रॉ और एमक्यूएम (मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट) के लिए काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस अखबार की रिपोर्ट के आधार पर पाकिस्तानी एजेंसियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पूछताछ की। वहीं नाजिम अली ने पाक मीडिया के उस दावे का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि वे सिंध के इंटीरियर इलाके में थे, जहां संपर्क के लिए नेटवर्क काम नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि हमारे पास उस इलाके का वीजा नहीं था, लिहाजा हम वहां जा ही नहीं सकते थे। उन्होंने कहा कि हम सूफी परंपरा को मानने वाले हैं तथा शांतिप्रिय लोग हैं जो भाईचारे की भावना में यकीन रखते हैं।
पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा पूछताछ के बारे में उन्होंने बताया कि उनसे वीजा और इमिग्रेशन के बारे में पूछा गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान जाने के बाद उनका परिजनों से संपर्क टूट गया था। इस बीच मीडिया में उनके लापता होने की खबरें आने लगी थीं।
भारत आने के बाद वे हजरत निजामुद्दीन दरगाह पहुंचे। यहां लोगों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की तथा आभार जताया। आसिफ निजामी के बेटे आमिर निजामी ने कहा, मैं भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह को धन्यवाद कहना चाहूंगा। हम बहुत खुश हैं कि हमारी सरकार ने दोनों की वापसी के लिए कोशिश की।