सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर के कॉलेजियम ने कई दिनों तक गहन विचार-विमर्श के बाद 112 नामों पर विचार किया और इनमें से 68 नामों की सिफारिश की।
सर्वोच्च न्यायायायल के कॉलेजियम ने जिन हाईकोर्ट के लिए जजों की सिफारिश उनमें इलाहाबाद, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़ और असम के उच्च न्यायालय शामिल हैं।
– 60 लाख मामले हाईकोर्ट में फिलहाल लंबित
– 43 प्रतिशत रिक्तियां हैं जजों के पद के लिए
– 1089 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 465 रिक्तियां हैं
-160 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति इलाहाबाद हाईकोर्ट में है, लेकिन 68 पद खाली
– 72 स्वीकृत शक्ति वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय में 36 रिक्तियां हैं
– बॉम्बे HC की 94 की स्वीकृत ताकत के मुकाबले, इसमें 33 रिक्तियां हैं
– 50 फीसदी से अधिक रिक्तियां हैं दिल्ली हाईकोर्ट में है, क्योंकि इसके 60 स्वीकृत न्यायाधीशों के पदों में से 31 रिक्त हैं
– 64 प्रतिशत रिक्तियां पटना में हैं क्योंकि न्यायाधीशों के 53 स्वीकृत पदों में से 34 पद खाली हैं
– 50 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं राजस्थान हाईकोर्ट में, क्योंकि न्यायाधीशों के 50 में से 27 पद रिक्त हैं
जजों के नामों को लेकर कॉलेजियम की 25 अगस्त और 1 सितंबर को बैठक हुई थी। खास बात यह है कि जज बनाए जाने के लिए सिफारिश किए गए नामों में 10 महिलाएं भी शामिल हैं।