ग्रेस मार्क्स देने के पीछे आईआईटी-JEE की ओर से दलील दी गई थी कि परीक्षा में निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है। इसलिए मुमकिन है कि कई छात्रों ने जवाब गलत होने के डर से अस्पष्ट छोड़ दिया हो। किसने किस वजह से सवाल छोड़ा होगा, ये पता लगाना मुश्किल है। इसलिए सभी को बोनस अंक दिए गए हैं। गौरतलब है कि JEE यानी ज्वाइंट इंटरेंस एग्जाम से आईआईटी में दाखिला मिलता है।
ध्यान हो कि आईआईटी में दाखिले की इच्छुक ऐश्वर्या अग्रवाल ने कोर्ट से इस पर निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि जेईई (एडवांस) 2017 में शामिल अभ्यर्थियों को बोनस अंक देने का फैसला उसके और अन्य अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन है।
तो वहीं मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आईआईटी मद्रास से पूछा था कि IIT-JEE 2017 परीक्षा में उन छात्रों को बोनस अंक क्यों दिए गए, जिन्होंने गलत सवालों को हल करने की कोशिश नहीं की।
गौरतलब है कि इस बार IIT-JEE 2017 परीक्षा आईआईटी मद्रास ने आयोजित कराई थी। लेकिन इस परीक्षा में दो सवाल गलत थे, जिसके कारण सभी परीक्षार्थियों को कुल 18 बोनस मार्क्स दिए गए। 7 जुलाई को मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद IITs और NITs की एडमिशन प्रक्रिया को रोक दिया गया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्ट से इस संबंध में दायर याचिकाओं की पूरी डिटेल भी मांगी थी।