scriptतीन युवाओं ने अपने रेल एडवेंचर पर बनाई फिल्म, जनरल कम्पार्टमेंट की कहानियां | Tales from a general compartment | Patrika News
71 Years 71 Stories

तीन युवाओं ने अपने रेल एडवेंचर पर बनाई फिल्म, जनरल कम्पार्टमेंट की कहानियां

हम एक दूसरे को बिना देखे प्यार में पड़ गए….एक आवाज आई जो कि दिखाई नहीं दी। वो आवाज अब समझाने लगी….मैंने एक बार उसके गांव का दौरा किया था तो वहां उसने मुझे देखा…कुछ दिनों के बाद मुझे उसकी एक कॉल आई…तो वो बोली कि वो मिस डायल थी।

Feb 06, 2017 / 09:38 pm

Kamlesh Sharma

हम एक दूसरे को बिना देखे प्यार में पड़ गए….एक आवाज आई जो कि दिखाई नहीं दी। वो आवाज अब समझाने लगी….मैंने एक बार उसके गांव का दौरा किया था तो वहां उसने मुझे देखा…कुछ दिनों के बाद मुझे उसकी एक कॉल आई…तो वो बोली कि वो मिस डायल थी। हम फाइनली एक साल के बाद मिले..अपने शुरूआती 20 साल का एक आदमी, वो ये सब बता रहा था। उसकी आवाज ट्रेन की खडख़ड़ से बाधित हुई, वो बार-बार में तेज और तेज होती और अंत में उसकी आवाज फीकी हो गई। यह नरेटर डिब्रूगढ, आसाम से है, और देश के सबसे लंबे रेल रूट पर यात्रा कर रहा है…नॉर्थ ईस्ट में आसाम से देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी तक।
वो अपनी कहानी उन तीन दोस्तों के साथ शेयर कर रहा है जो उसके सामने वाली बर्थ पर है और डॉक्यूमेंट्री बना रहे हैं कि लोग ट्रेन के जनरल कम्पार्टमेंट में क्या बातें करते हैं। 
जिंदगी के हर हिस्से और पहलू को लेकर यह एक घंटे के डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है जो कि अनरिजव्र्ड है। 17 दिन में पच्चीस हजार किमी की यात्रा इन अनरिजव्र्ड कम्पार्टमेंट में करके यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई है। 
ये डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले या यूं कहें ये आसामान्य यात्री थे मुंबई के रहने वाले फिल्म मेकर्स समर्थ महाजन (26), रजत भार्गव (23) और ओमकार दिवेकर (26)। उन्होने फोटोग्राफ और घटना के और विवरणों को लेकर ट्विट किया तो उनका हैशटैग अनरिजव्र्ड वायरल हो गया। यह करीब एक साल पहले मार्चकी थी।
हम उस समय मिले थे जब हम ट्रांसपोर्ट के रूप में काम आने वाली बसों और नावों के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। हमने इससे पहले 10 से 15 मिनट की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री भी बनाईं थीं और तब भी ट्रेन जर्नी पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की प्लानिंग कर ली थी।
तब समर्थ ने सुझाव दिया कि हम पूरे देश में ट्रेन के जनरल कम्पार्टमेंट में ट्रेवल करें और एक डॉक्यूमेंट्री बनाएं। महाजन बताते हैं कि इंडिया में ट्रेन हमेशा ही एक रोमांच-सा पैदा करती हैं। मैंने जनरल कम्पार्टमेंट चुना क्योंकि मुझे उन पर ज्यादा फुटेज नहीं मिल सकता था और मैने महसूस किया कि नजदीकी और अंतरंगता की झूठी भावना के चलते दिलचस्प वार्तालाप होंगे।
उसने सही सोचा, जनरल कम्पार्टमेंट में हरके की एक अलग कहानी एक तरह से यह एक फन भी पैदा करती है और जैसे-जैसे आप एक-एक यात्री से बात करते हैं वो एक ग्रुप डिस्कशन में बदल जाती है। अनरिजव्र्ड फरवरी के दूसरे सप्ताह में यू-ट्यूब पर रिलीज होगी। दिवेकर बताते हैं कि हमने यह प्लान नहीं किया था कि हम यात्रा को फीचर-लेंथ फिल्म में बदलें। लेकिन हर समय में हमारे कैमरे के साथ शूटिंग करते रहे, लोग अपनी स्टोरीज के साथ सामने आते रहे। इस यात्रा में पता चला कि दिल्ली से डिब्रूगढ में कम्पार्टमेंट बुरी तरह से भीड़ से भरे होते हैं, और पांचवा कम्पार्टमेंट तो बेहद गंदा था। 
वहीं 17 दिनों तक वो बेहद गंदे शौचालयों का इस्तेमाल करना पड़ा। दिवेकर अपनी उन यादों को हंसते हुए बताते हैं। यात्रा के अंतिम दिन कुछ राहत भरे रहे। महाजन कहते हैं कि लेकिन इन यादों को हमने संजो लिया है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की कहानियों को अपनी फिल्म में शामिल कर रहे हैं जितना संभव है। इस यात्रा ने हमें अहसास दिलाया है कि हम कैसे द्वीपीय बन गए हैं। हम हमारे आसपास के लोगों को कितना कम जानते हैं।

Home / 71 Years 71 Stories / तीन युवाओं ने अपने रेल एडवेंचर पर बनाई फिल्म, जनरल कम्पार्टमेंट की कहानियां

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो