पुराने ढर्रे पर चलेंगे या देखेंगे भविष्य
कोयम्बटूर कलेक्टर ऑफिस में एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अपने करियर में पहली बार किसी उम्मीदवार को कोयम्बटूर के लिए घोषणापत्र जारी करते देखा है। यहां ड्रग्स की तस्करी, शराब पीने की बढ़ती लत, नागरिक सुविधाओं का अभाव और बेरोजगार जैसी समस्याएं हैं। जो भविष्य की ओर देख रहे हैं, वे बदलाव के लिए आगे बढ़ेंगे। समाज का एक बड़ा तबका चुनावी प्रलोभन की राजनीति से ऊब गया है। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में जड़ें इसकी जड़ें अब भी काफी गहरी हैं। द्रमुक पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर तमिलनाडु सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों से पूछते हैं। सत्तारूढ़ द्रमुक के तीन मंत्री यहां लगातार कैम्प कर रहे हैं। के.अन्नामलाई उन पर पैसे देने का आरोप लगाते हैं। सिंघम उपनाम से मशहूर पूर्व आइपीएस अधिकारी चुनाव जीतने पर खनन माफिया को सबक सिखाने की बात भी करते हैं। उनका यह अंदाज 30 साल की वसंता को पसंद है। वह के.अन्नामलाई की पुलिसिया छवि और भाषणों से प्रभावित हैं, लेकिन बुजुर्ग रजातिअम्मा कहती हैं कि अन्नाद्रमुक के कमजोर होने के बाद वह फैसला नहीं कर पा रही हैं कि किसे वोट दिया जाए।
प्रवासी भी निभाएंगे अहम भूमिका
कोयम्बटूर में प्रवासी उत्तर भारतीयों की अच्छी तादाद है और भाजपा को इन पर काफी भरोसा है। दक्षिण का मैनचेस्टर कहे जाने वाले इस शहर में लगभग 30 हजार एमएसएमइ हैं और इनके कई मुद्दे हैं। यहां जीएसटी चुनावों में एक मुद्दा बन गया है। रेल और हवाई कनेक्टिविटी के साथ आधारभूत नागरिक सुविधाओं की कमी और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। चुनावी मुकाबले को लेकर द्रमुक समर्थक दावा करते हैं कि टक्कर अन्नाद्रमुक से है। लेकिन अन्नाद्रमुक समर्थक कहते हैं कि मुकाबला भाजपा से है। भाजपा की संभावनाएं अन्ना द्रमुक मतदाताओं के रुख पर काफी हद तक निर्भर है।
गठबंधन की अहमियत का अब लग रहा पता
कोयम्बटूर लोकसभा कोंगू क्षेत्र में आता हैै जो अन्नाद्रमुक का पारंपरिक गढ़ रहा है। पिछली बार यहां से सीपीआइ के पीआर नटराजन चुनाव जीते लेकिन उनके खिलाफ असंतोष को देखते हुए गठबंधन में द्रमुक उम्मीदवार को उतारा गया। कार्ति कहते हैं कि अगर भाजपा का गठबंधन अन्नाद्रमुक के साथ होता तो बात अलग होती। दरअसल तमिलनाडु में यह बात हर जगह सुनाई दे रही है। कई लोगों ने कहा कि अब विधानसभा चुनाव भाजपा अगर अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में लड़े तो बेहतर होगा। आगे क्या होगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन अभी तो दोनों दल अलग-अलग लड़ रहे हैं।