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Lok Sabha Elections 2024: जो औरों के लिए बनीं आवाज, अब लोकतंत्र के महापर्व में दिखा रही हैं शक्ति

लोकतंत्र के इस महापर्व में सैंकड़ों नारी ‘शक्ति ‘ रण में उतरी है। जो लम्बे समय से गरीबों के शोषण व अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। नवरात्र के मौके पर पत्रिका ने नौ ऐसी शक्तियां चुनी हैं, जिन्होंने सामाजिक क्षेत्र में जन कल्याण सहित अन्य परोपकार के कार्यों में योगदान देकर राजनीति का मंच पाया है। पढ़िए कानाराम मुण्डियार का विशेष लेख…

नई दिल्लीApr 16, 2024 / 06:58 pm

Paritosh Shahi

BJP CONGRESS
जीवन के हर क्षेत्र की तरह लोकतंत्र के महापर्व में यह नारी शक्ति का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसी महिलाएं सामने आ रही हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों का साहस से मुकाबला कर राजनीति में अपने लिए जगह बनाई हैं। पहले आम चुनाव में 22 महिला सांसद बनीं। 2019 में यह आंकड़ा 78 तक पहुंचा। हालांकि, आधी आबादी का पूरा हक अभी अधूरा है। 2024 का चुनाव ऐसे समय हो रहा है जब नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक-2023 ) पारित किया जा चुका है।
ऐसी ‘शक्ति ‘: जो कुछ हटकर है…
1- माधवी लता (भाजपा ) हैदराबाद- तेलंगाना

  • गरीबों की मसीहा से पहचान। तीन तलाक को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं का सहयोग किया था। सांसद असदुद्दीन औवेसी के खिलाफ सशक्त चेहरा।
2- रेखा पात्रा (भाजपा) : बशीरहाट- पश्चिम बंगाल
  • पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के महिला उत्पीडऩ आंदोलन का चेहरा। टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ उठाई थी आवाज।
3- लता वानखेड़े (भाजपा) : सागर- मध्यप्रदेश

  • महिला सम्मान व उत्थान के क्षेत्र में कार्य करती रही हैं। मकरोनिया ग्राम पंचायत से तीन बार सरपंच रही। कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव।
4- संजना जाटव (कांग्रेस)ः भरतपुर- राजस्थान
-एससी वर्ग से कांग्रेस में युवा चेहरा। अपनी बात को दमदार तरीके से रखती है। लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान से जुड़ी। जनता के हितों के लिए संघर्षशील।
5- सौम्या रेड्डी (कांग्रेस) : बेंगलुरू दक्षिण- कर्नाटक

  • पर्यावरणविद् है। बेंगलुरू में प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ अभियान चलाया। हरियाली बढ़ाने के लिए पेड़-पौधे लगाने की मुहिम में आगे
6- एस. जोथिमनी (कांग्रेस) : करूर- तमिलनाडु
  • किसान परिवार में जन्म। पिता खो देने से बचपन संघर्ष में बीता। मां के सहयोग से पढ़ाई पूरी की। छात्र राजनीति से पहचान हुई और कम उम्र में देश की राजनीति में आई।
  1. गेनीबेन ठाकोर (कांग्रेस) : बनासकांठा- गुजरात
  • महिला अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई में भूमिका निभाई। महिला अधिकारों की लड़ाई के लिए जनता की आवाज बनी।
8- शांभवी चौधरी (एलजेपी ) – समस्तीपुर – बिहार
  • सबसे कम उम्र का युवा व दलित चेहरा। पूर्व आइपीएस किशोर कुणाल की बहू व जेडीयू नेता अशोक चौधरी की पुत्री। सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर ले रही हिस्सा।
9- डॉ. टी. सुमति (डीएमके) : चैन्नई दक्षिण- तमिलनाडु
-तमिल कवयित्री व गीतकार तथा। सादगीपूर्ण जीवन। कई कविता संग्रहों व किताबों का लेखन। ग्रामीण क्षेत्र में लैंगिंक संवेदनशीलता के मुद्दों पर विशेष काम।
राजनैतिक दलों ने महिलाओं को दिए टिकट-
भाजपा- 68 /428
कांग्रेस-37/252
टीएमसी- 12/42
सपा-07/49
आरजेडी- 06/22
डीएमके- 02/39
जनता दल (एस)- 03/26

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