हर रैली में पीएम मोदी के वादों की ऑडियो क्लिप चलाते हैं तेजस्वी
राजद नेता तेजस्वी यादव अपना ट्रेडमार्क सफेद कुर्ता-पायजामा पहने हुए हर सभा में पहुंचते हैं। उनके कुर्ते पर राजद का बड़ा सा चुनाव चिह्न (लालटेन) छपा हुआ दिखता है। वह लगभग हर चुनावी रैली में गोविंदा-करिश्मा अभिनीत फिल्म ‘साजन चले ससुराल’ का यह लोकप्रिय गाना गा रहे हैं। इतना ही नहीं वह घर चलाने के लिए “बिहार पर विशेष ध्यान देने, युवाओं को हर साल दो करोड़ नौकरियां देने, कथित तौर पर विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने और बढ़ती मुद्रास्फीति पर काबू पाने” का वादा करते हुए पीएम मोदी के पिछले भाषणों की ऑडियो क्लिप चला रहा है।
NDA के इन धुरंधरों से अकेले जूझ रहे हैं तेजस्वी
राहुल के ‘चौकीदार’ वाले तंज के विपरीत, तेजस्वी बिना ज्यादा व्यक्तिगत हुए मोदी पर हमला करने में सफल रहे हैं। इसका असर यह हुआ है कि चिलचिलाती धूप का सामना करते हुए भी लोग बड़ी संख्या में उनकी रैलियों में शामिल हो रहे हैं। फिलहाल, 35 साल के तेजस्वी पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार जैसे शक्तिशाली एनडीए नेताओं की सेना के खिलाफ अकेले चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। नीतीश कुमार करीब तीन महीने पहले इंडिया ब्लॉक से नाता तोड़ने के बाद एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए थे।
तेजस्वी ने अकेले थाम रखा है विपक्ष का झंडा
लोकसभा चुनाव अभियान शुरू होने के बाद से केवल दो शीर्ष कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बिहार आए हैं। यही वजह है कि विपक्षी चुनाव अभियान की जिम्मेदारी पूरी तरह से तेजस्वी के कंधों पर आ गई है। हालांकि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पार्टी के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं लेकिन अबतक उन्हें केवल अपनी बेटी रोहिणी आचार्य के साथ मंच साझा करते देखा गया। रोहिणी इस बार सारण लोकसभा सीट से चुनावी शुरुआत कर रही हैं। लालू प्रसाद यादव अपनी कई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण 45 डिग्री सेल्सियस की तपिश भरी गर्मी में चुनाव प्रचार भाग नहीं ले पा रहे हैं।
सरकारी नौकरियां देने के चलते युवाओं में पॉपुलर हुए तेजस्वी
दूसरी ओर नीतीश कुमार लगातार लालू पर हमले कर रहे हैं और उनके इतने सारे बच्चे पैदा करने, अपने परिवार को राजनीति में बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार में शामिल होने के कदम पर सवाल उठा रहे हैं। इसके बावजूद तेजस्वी उनपर पलटवार नहीं कर रहे हैं। नीतीश कुमार का सवाल सामने आते ही, वह कहते हैं, “नीतीश जी मेरे लिए आदर्श हैं। वह मेरे अभिभावक हैं। वो कुछ भी कह सकते हैं। वो जो भी कहेंगे, मेरे लिए आशीर्वाद होगा।” जाहिर तौर पर नीतीश के नेतृत्व वाली दूसरी ग्रैंड अलायंस सरकार में तेजस्वी करीब 17 महीने तक डिप्टी सीएम के पद पर बने रहे। उनके कार्यकाल के दौरान तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरियां दी और यही वजह है कि वे युवा मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गए।
नीतीश भी करते हैं बिहार में नौकरियां देने का दावा
हालांकि नीतीश का कहना है कि बिहार के युवाओं को नौकरियां उनकी वजह से मिलीं। तेजस्वी की लोकप्रियता इतनी है कि हर ग्रैंड अलायंस उम्मीदवार चाहता है कि वह उनके लिए प्रचार करें। पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, तेजस्वी अब तक राज्य में 92 चुनावी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। तेजस्वी अपनी रैलियों में तीन प्रमुख मुद्दों युवाओं को रोजगार देना, महंगाई पर काबू पाना और पलायन पर रोक लगाना मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बिहार सरकार ने अप्रैल 2020 में देशव्यापी तालाबंदी के दौरान लगभग 35 लाख प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में 1,000 रुपये स्थानांतरित किए थे।