एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए चीन और पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है। हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद के प्रायोजक देशों और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है। जयशंकर ने कहा कि भारत जी-20 और आतंकवाद से निपटने वाली कमेटी की अध्यक्षता करने जा रहा है। भारत शांति के पक्ष में है और रहेगा। हम यूएन चार्टर के पक्ष में हैंण् हम डायलॉग और डिप्लोमेसी से इसे हल करने के पक्ष में हैं।
चीन हमेशा से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का सपोर्ट करता आया है। इससे पहले भी कई बार भारत और उसके सहयोगियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रतिबंध के दायरे में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को लाए जाने के प्रस्तावों और कोशिशों को रोक दिया। इस महीने चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए। लेकिन चीन अपनी पॉवर का गलत इस्तेमाल कर प्रस्ताव पर रोक लगा दी।
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भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मीहल और अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इसके बारे बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि युद्ध को लेकर सभी िंचंतित है। हम युद्ध जारी रखने के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने कहा कि बातचीत व कूटनीति के जरिए विवाद को हल करने के पक्षधर हैं।