वीरप्पन के नाम से प्रसिद्ध कूज मुनिस्वामी वीरप्पन दक्षिण भारत ही नहीं दुनिया का कुख्यात चन्दन तस्कर था। चन्दन की तस्करी के साथ ही वह हाथीदांत की तस्करी, हाथियों के अवैध शिकार, पुलिस तथा वन्य अधिकारियों की हत्या और अपहरण के कई मामलों का भी अभियुक्त था। एक आंकलन के मुताबिक सरकार ने उसे पकड़ने के लिए 20 करोड़ से अधिक रुपए खर्च किए। कुख्यात डाकू वीरप्पन 2004 में तमिलनाडु पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था। यह भुठभेड़ कुल 20 मिनट तक चली थी। उस समय इसके चीफ आईपीएस के विजय कुमार थे।