
Water Crisis in India: सर्दियां खत्म ही हो रही थी और ठीक से गर्मी की दस्तक भी नहीं पड़ी थी तब देश के दक्षिण के एक राज्य कर्नाटक (Water Crisis in Karnataka) से पानी के संकट की खबरें आनी शुरू हो गई। यह एक राज्य के लिहाज से नई खबर हो सकती है लेकिन देश के लिहाज से तो कतई नहीं थी। अब जब गर्मी चरम पर है तब दिल्ली (Delhi Water Crisis) से पानी को लेकर हाहाकार मचने की खबरें आ रही हैं। कभी सुप्रीम कोर्ट जवाब तलब करने की खबर आ रही है तो कभी हिमाचल प्रदेश (Water scarcity in Himachal Pradesh) से यह पैगाम भेजा जा रहा है कि हमारे पास राज्य के लोगों की प्यास बुझाने से ज्यादा पानी नहीं है और हम दिल्ली को पानी नहीं दे सकते हैं। एक खबर और दिल्ली को लेकर ही आई कि हरियाणा से पानी लेकर दिल्ली आने वाले नहर पर 150 सशस्त्र बल दिन और रात पहरा दे रहे हैं। पानी को लेकर लगातार पैदा हो रहे संकट को जब केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) की हालिया रिपोर्ट पर गौर करेंगे तो पानी की कहानी आपका और अवसाद बढ़ाएगी। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रमुख 150 जलाशयों का 78 फीसदी पानी खत्म हो चुका है। जाहिर सी बात है कि पानी की किल्लत से इसकी कीमत भी बढ़ेगी। कीमत कौन दे पाएगा? क्या आपने सोचा है कि पानी पर किसका हक रह जाएगा?
दुनिया में भारत की पहचान पानी से लबालब देश के रूप में है। यहां हर साल इतनी बारिश होती है कि सभी की प्यास बुझाई जा सकती है। लेकिन पानी जैसे कुदरती संसाधन को कैसे कारोबार में तब्दील किया गया? इसे बहुत आसानी से समझा जा सकता है। पहले कुओं के पानी को गंदा बताया गया और उसकी जगह हैंडपंप ने ले ली। हैंडपंप की खुदाई और जब तब उसकी मरम्मत को लेकर खर्च आपकी लिस्ट में शामिल हो गया। अब सबमर्सिबल धरती के पेट को गहरे से गहरा फाड़कर पानी निकालने की प्रतियोगिता सी चल पड़ी है। छत पर पानी की रखी टंकियों का साइज और संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पानी के बगैर जीवन चल नहीं सकता तो पानी के भंडारण पर खूब जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि अब यह भी देखा जा रहा है कि शहरों में छतों पर टंकी, घर के अंदर टांका और इसके अलावा एक इमरजेंसी टैंक भी रखा जा रहा है। सबमर्शिबल लगवाने से लेकर उसके रखरखाव और पानी लिफ्ट कर टंकी, टांके और इमरजैंसी टैंक तक पहुंचाने की कीमत कितनी आती है? पानी हासिल करने के इस जद्दोजहद में बिजली का बिल भी बढ़ा? ऐसे में गरीब, गुरबे लोग कहां से पानी लाएं?
जीवन जीने के लिए रोटी की जरूरत होती है और वह खेत से आता है। पानी हासिल करने की लड़ाई खेतों में भी खूब लड़ी जाती रही है। छोटे किसानों पर अन्य चीजों के अलावे पटवन का बोझ बढ़ा और वह किसानी छोड़कर मजदूर होते चले गए। बड़े किसानों ने खेतों में डीएपी, यूरिया और कीटनाशक डाला और जितना मर्जी हो बोरिंग सेट या पंपिंग सेट से पानी निकाला और फसलों को जी भर पानी पिलाया, वहीं बलग वाले छोटे किसानों को खेत में पानी नहीं मिला तो उनकी फसल मारी गई। छोटे किसान जैसे तैसे खेतों में पहले कुओं से पानी पटा लेते थे लेकिन बड़े किसानों ने खेतों में कई सौ फुट गहरे पंपिंग लगवाकर पानी खींचना शुरू कर दिया जिसका नतीजा यह हुआ कि पानी अमीर किसानों के कब्जे में चला गया। मतलब गरीब अनाज नहीं उपजा सकता और ना ही पानी पी सकता?
Updated on:
14 Jun 2024 08:36 pm
Published on:
14 Jun 2024 05:05 pm
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