संसद के दोनों सदनों से सीएए 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था। इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी। ध्यान दें, यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यकों को इस कानून के जरिए यहां भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। ऐसी स्थिति में आवेदनकर्ता को साबित करना होगा कि वो कितने दिनों से भारत में रह रहे हैं।
उन्हें नागरिकता कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा। सीएए को काफी पहले ही लागू कर दिया जाता, लेकिन कोरोना की वजह से इसमें देरी हो गई। वहीं, इससे पहले केंद्रीय अमित शाह ने भी संकेत दे दिए थे कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू कर दिया जाएगा।
बता दें कि छह राज्यों ने विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इनमें केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, और तेलंगाना शामिल हैं।