शीर्ष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा को उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नुपूर शर्मा ने अपनी याचिका भी वापस ले ली।
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नुपूर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
1. शीर्ष अदालत ने नूपुर शर्मा को फटकार लगाते हुए कहा कि उनके ही एक बयान के चलते माहौल खराब हो गया।
2. सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर जैसी घटना के लिए भी नुपूर को जिम्मेदार बताया। उन्होंने टेलर कन्हैया लाल की हत्या आपके भड़काऊ बयान का नतीजा है।
3. कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा ने माफी मांगने में देरी कर दी और उनके चलते ही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं।
4. नुपुर शर्मा ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की।
5. ऐसे लोग अन्य धर्मों का सम्मान नहीं करते। अभिव्यक्ति की आजादी का यह अर्थ नहीं है कि कुछ भी बोला जाए।
7. अदालत ने कहा कि यदि उन्हें केसों को ट्रांसफर कराना है तो फिर हाई कोर्ट में जाएं। हम इस पर कोई आदेश नहीं देंगे।
8. अदालत ने कहा कि यह पूरा विवाद टीवी डिबेट के जरिए ही फैला है और उन्हें वहीं पर जाकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने नूपुर शर्मा की ओर से सुरक्षा की मांग को लेकर कहा कि उन्हें कोई खतरा नहीं है, लेकिन उनके बयान जरूर देश भर में खतरा बन गए हैं।
9. दिल्ली पुलिस पर भी सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब किसी के खिलाफ FIR होती है तो वह व्यक्ति अरेस्ट किया जाता है, लेकिन किसी ने भी आपको छूने की हिम्मत नहीं की। इससे पता लगता है कि आपके पास कितना बड़ा कवच है।
10. कोर्ट ने नुपूर को कहा कि, सीधे यहां केस दायर करके आपने दिखाया कि आपके पास ताकत का नशा है। आप मजिस्ट्रेट कोर्ट या फिर हाई कोर्ट नहीं गई हैं।
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