राष्ट्रीय

महाराष्ट्रः विधवा होने पर सफेद साड़ी पहनने, चूड़ियां तोड़ने व सिंदूर मिटाने की प्रथा खत्म, कोल्हापुर का हेरवाड पंचायत बना नजीर

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी ग्राम पंचायतों को एक सर्कुलर जारी कर विधवा प्रथा को समाप्त करने का निर्देश दिया है। इस सर्कुलर के अनुसार अब राज्य में विधवा होने पर चूडियां और मंगलसूत्र तोड़कर, सिंदूर मिटाकर, सफेद साड़ी में जीने के लिए महिलाओं को बाध्य नहीं किया जा सकता।

नई दिल्लीMay 19, 2022 / 05:58 pm

Prabhanshu Ranjan

Widowhood Rituals Bans by Maharashtra Government letter issued

विकास और आधुनिकता के वर्तमान दौर में भी हमारे समाज में कई कुप्रथाएं मौजूद है। इन कुप्रथाओं से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती है। पति की मौत के बाद सफेद साड़ी पहनना, चूडियां तोड़ना और सिंदूर मिटाकर सामान्य तरीके से जीने की प्रथा देश के प्रायः सभी राज्यों में है। लेकिन इस प्रथा को समाप्त करने की पहल महाराष्ट्र से हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने कोल्हापुर जिले की हेरवाड पंचायत को नजीर मानते हुए विधवा प्रथा को पूरे राज्य में समाप्त करने का आदेश दिया है।

सरकार के इस आदेश का नारीवादियों ने स्वागत किया है। सीनियर एडवोकेट और सोशल एक्टिविस्ट आभा सिंह ने कहा कि यह महिलाओं को समानता देने का कदम है। देशभर में जहां भी यह कुप्रथा है, उसे तत्काल खत्म करना चाहिए। राज्य सरकार की ओर से सभी ग्राम पंचायतों को विधवाप्रथा को समाप्त करने को लेकर एक सकुर्लर जारी किया गया है। जिसका पालन करवाने का जिम्मा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा गया है। अभी इस नियम को पहल के रूप में किया गया है। लिहाजा नियम नहीं मानने वालों पर सजा का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन सरकार ने इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का निर्देश पंचायतों को दिया है।

 

महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्रियों ने की थी अपील-
बताते चले कि महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने सभी ग्राम पंचायतों को हेरवाड ग्राम पंचायत का अनुकरण कर एक आदर्श स्थापित करने की अपील की है। वहीं शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा है कि जब यह मामला सामने आया था, तब मैंने मांग की थी कि हेरवाड ग्राम पंचायत का फैसला पूरे राज्य में लागू किया जाए। यह एक क्रांतिकारी फैसला है।

यह भी पढ़ेंः

shocking : पति के होते हुए भी यहां की महिलाएं 3 महीने तक बिताती हैं विधवा का जीवन, वजह हैरान कर देगी

कोल्हापुर जिले का हेरवाड़ पंचायत बना नजीर-
विधवा प्रथा को समाप्त करने में महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले का हेरवाड पंचायत नजीर बना है। 4 मई को इस पंचयात में विधवा प्रथा को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया था, जो सर्वसम्मति से पारित भी हुआ। जिसके बाद हेवराड पंचायत के इस प्रस्ताव की खूब चर्चा हुई थी। हरवाड के ग्रामीणों ने यह तय किया है कि अब गांव में किसी के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार के बाद महिला की चूड़ियां तोड़ने और माथे से सिंदूर पोंछने, मंगलसूत्र निकालने जैसे काम के लिए विवश नहीं किया जाएगा। महिलाओं को जागरूक कर पहले जैसा जीवन जीने को प्रेरित किया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः

अब न चूड़ियां टूटेंगी, न ही पोंछा जाएगा सिंदूर

महिलाओं के लिए यह प्रथा बेहद अपमानजनक: सरपंच
हेरवाड की तर्ज पर कोल्हापुर के मानगांव ने भी अपने यहां विधवा प्रथा को पिछले सप्ताह बंद करने का ऐलान किया था। हेरवाड़ के सरपंच सुरगोंडा पाटिल ने बताया कि करमाला तहसील में महात्मा फुले समाज सेवा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद जिंजादे ने यह पहल की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस प्रथाओं से गुजरना पड़ता है, जो बहुत अपमानजनक होता है। सरंपच ने कहा कि हमें इस प्रस्ताव पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। समाज सुधारक छत्रपति साहू महाराज के 100वें पुण्यतिथि वर्ष में हमने महिलाओं के उद्धार के लिए यह काम किया।

Home / National News / महाराष्ट्रः विधवा होने पर सफेद साड़ी पहनने, चूड़ियां तोड़ने व सिंदूर मिटाने की प्रथा खत्म, कोल्हापुर का हेरवाड पंचायत बना नजीर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.