उसने बताया कि वह दीमापुर में चाय के बागान में करती थी उसके तीन बेटे हैं। कुछ दिन पहले ही बीमारी की वजह से पति की मौत हो गई थी। उसने बताया कि उसकी माली हालत काफी खराब थी और अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं थे।
सेक्स वर्कर को दिव्यांग भिखारी से हुआ प्यार, दिल को छू लेगी ये लव स्टोरी कोई रास्ता न देख उसने नागालैंड के रहने वाले के एक महाजन से 2 हजार रुपए उधार मांगे और वादा किया कि वह मेहनत-मजदूरी करके पैसे वापस कर देगी, लेकिन महाजन ने शर्त रखी कि रुपयों के बदले उसको अपने बेटे को गिरवी रखना पड़ेगा।
गजब स्टूडेंट्स का अजब हाल, कुलपति से पूछा सवाल- कब होगी सलमान की शादी? काम की तलाश में दीमापुर से आगरा आई थी महिला घर में पति की लाश पड़ी थी और रीता की मदद करने वाला कोई नहीं था। मजबूरी में उसने अपने बेटे को गिरवी रख दिया और पति का अंतिम संस्कार करने के बाद वह देवर के साथ अपनी 3 साल की बेटी और डेढ़ साल के बेटे को लेकर आगरा चली आई ताकि कोई काम मिल सके। लेकिन उसको कोई काम नहीं मिल पाया और जो थोड़े बहुत पैसे थे वह खत्म हो गए। इसी बीच उसका देवर भी उसे छोड़कर कहीं भाग गया। उसके बच्चे भूख और प्यास तड़प रहे थे।
दूल्हे ने दुल्हन के बारे में सुनी एेसी बात आैर लाैटने लगी बारात, संकटमोचक बनी पुलिस आैर बन गर्इ बात पानी मांगा तो भगा दिया रीता ने बताया कि एक-दो दुकानों में उसने पीने के लिए पानी मांगा तो उसको भगा दिया गया। भीषण गर्मी में उसके दोनों बेटों का गला सूखने लगा था तब उसने मजबूरी में दोनों बेटों को नाली का पानी पिलाने का फैसला किया। रीता के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि लोग उसकी भाषा भी नहीं समझ पा रहे थे। हालांकि एक दुकानदार ने रीता और उसके बच्चों को फिर पानी पिलाया और स्थानीय लोगों की मदद से नागालैंड की पुलिस के संपर्क किया गया जहां से उसके बारे में पुष्टि की गई।
पत्नी से सताए पतियों के लिए है ये आश्रम, जहां पूजा जाता है कौआ, दाखिले के लिए पूरी करनी होगी ये शर्त दीमापुर के लिए किया गया रवाना जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोगों की मदद से रीता को ब्रह्मपुत्र मेल से डिब्रूगढ़ के लिए बैठ दिया गया है, जहां से उसे जीआरपी की मदद से दीमापुर भेज दिया जाएगा। उसकी मदद के लिए लोगों ने तीन हजार रुपए और खाने-पीने का सामान और कपड़े भी दिए हैं।