पर्यावरण संरक्षण में तेलंगाना सबसे आगे
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की वार्षिक रिपोर्ट “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स तेलंगाना ने 10 अंकों में से 7.213 अंक हासिल कर 70 प्रतिशत से अधिक स्कोर किया है। सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने वन आवरण में अच्छी प्रगति की है। साथ ही म्यूनिसिपल वेस्ट ट्रीटमेंट के मामले में शीर्ष राज्यों में शामिल है।
गुजरात दूसरे, गोवा तीसरे, महाराष्ट्र चौथे स्थान पर
सीएसई की रिपोर्ट में तेलंगाना के बाद दूसरे स्थान पर गुजरात, तीसरे स्थान पर गोवा, चौथे स्थान पर महाराष्ट्र और पांचवे स्थान पर हरियाणा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तेलंगाना में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सबसे बहेतर काम हुआ है।
राजस्थान सबसे फिसड्डी, बिहार-बंगाल भी बुरी स्थिति में
सीएसई की रिपोर्ट में सबसे कम स्कोर करने वाला राज्य राजस्थान है, राजस्थान को महज 2.757 अंक ही मिले हैं। राजस्थान 30 प्रतिशत से कम स्कोर करने वाला एकमात्र राज्य है। राजस्थान के अलावा नागालैंड, बिहार और पश्चिम बंगाल निचले पायदान पर रहने वाले राज्यों में शामिल हैं।
इन 7 मानकों के आधार पर तय की गई रैकिंग
रिपोर्ट में देश के सभी 29 राज्यों को पर्यावरण की कसौटी पर परखने के लिए 7 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है। इन संकेतकों में वन आवरण में परिवर्तन, म्यूनिसिपल सोलिड वेस्ट ट्रीटमेंट का उपचार, उपचारित सीवेज, अक्षय ऊर्जा ग्रिड में बदलाव, प्रदूषित नदी के स्ट्रेच में सुधार/बदलाव, भूजल निकासी का चरण और उपयोग में नहीं जल निकायों को शामिल किया गया है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की राज्यवार रैकिंग-
राज्य | रैकिंग | कुल स्कोर |
तेलंगाना | 1 | 7.213 |
गुजरात | 2 | 6.593 |
गोवा | 3 | 6.394 |
महाराष्ट्र | 4 | 5.764 |
हरियाणा | 5 | 5.578 |
आंध्र प्रदेश | 6 | 5.567 |
हिमाचल | 7 | 5.542 |
केरल | 8 | 5.474 |
ओडिशा | 9 | 5.234 |
छत्तीसगढ़ | 10 | 5.175 |
दिल्ली | 11 | 5.036 |
त्रिपुरा | 12 | 5.014 |
झारखंड | 13 | 5.000 |
उत्तराखंड | 14 | 4.998 |
सिक्किम | 15 | 4.953 |
उत्तर प्रदेश | 16 | 4.795 |
पंजाब | 17 | 4.611 |
कर्नाटक | 18 | 4.606 |
मध्य प्रदेश | 19 | 4.572 |
मिजोरम | 20 | 4.549 |
तमिलनाडु | 21 | 4.461 |
असम | 22 | 4.132 |
मेघालय | 23 | 3.786 |
मणिपुर | 24 | 3.746 |
अरुणाचल | 25 | 3.738 |
पश्चिम बंगाल | 26 | 3.704 |
बिहार | 27 | 3.496 |
नागालैंड | 28 | 3.400 |
राजस्थान | 29 | 2.757 |
1972 से हर साल मनाया जा रहा विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। जिसके बाद से हर साल इसे मनाया जा रहा है। इस मौके पर अलग-अलग देशों में कई कार्यक्रम आयोजित होते है।
पर्यावरण दिवस 2023 का क्या है उद्देश्य
विश्व पर्यावरण दिवस 2023 का मूल उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण से जुड़े मुद्दे जैसे ब्लैक ‘होल’ इफेक्ट, ग्रीन हाउस के प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग आदि मुद्दों पर जागरूक करना है। मालूम हो कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन से दुनिया का हर देश परेशान है। मौसम में हो रहे बदलाव से कृषि चक्र के साथ-साथ हमारा जीवन यापन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
पर्यावरण क्यों मनाया जाता है?
पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे मूल उद्देश्य पृथ्वी को सुरक्षित रखना है। हमारी पृथ्वी जो हमारा घर है, जहां हम मनुष्य, पशु-पक्षी, पौधे निवास करते हैं, इसके ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी।
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