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CM योगी की राह चले थे हिमंत बिस्वा सरमा, भरना पड़ा 32.5 लाख रुपये का जुर्माना

Himanta Biswa Sarma: असम सरकार को UP सीएम योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर मॉडल काफी महंगा पड़ गया है। बुलडोजर एक्शन की वजह से अब हिमंत बिस्वा सरमा सरकार को लाखों रुपए देने पड़े।

नई दिल्लीMay 23, 2024 / 02:27 pm

Akash Sharma

Himanta Biswa Sarma
Himanta Biswa Sarma: असम सरकार को UP सीएम योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर मॉडल काफी महंगा पड़ गया है। बुलडोजर एक्शन की वजह से अब हिमंत बिस्वा सरमा सरकार को लाखों रुपए देने पड़े। बता दें कि असम सरकार 2 साल पहले जिन लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया था। उन पांच परिवारों को 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। दरअसल, इन परिवारों पर एक थाना जलाने का आरोप था। दो साल पहले अफसरों ने नागांव जिले में पुलिस स्टेशन को जलाने में उनकी कथित संलिप्तता की वजह से बुलडोजर चलवा दिया था। अब अदालत के आदेश के बाद सरकार ने मुआवजा दे दिया है। इसकी जानकारी असम सरकार ने गौहाटी हाईकोर्ट को दे दी है। असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने सफीकुल इस्लाम के परिवार के लिए 2.5 लाख रुपये का मुआवजा भी मंजूर किया है। सीनियर सरकारी वकील डी नाथ ने चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस सुमन श्याम की डिविजन बेंच को यह भी बताया कि सफीकुल इस्लाम का परिवार अभी तक वारिस होने का सर्टिफिकेट पेश नहीं किया है। सर्टिफिकेट जमा करते ही अधिकारी मुआवजे की राशि जारी कर देंगे।

क्या था मामला?


हाईकोर्ट को यह भी बताया कि नागांव के पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को अन्य पांच पड़ित परिवारों को मुआवजा दे दिया। 1 मई 2022 को मछली बेचने वाले इस्लाम की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई थी। इसके बाद नागांव जिले के सलोनाबारी गांव में कुछ लोगों की भीड़ ने बताद्रवा पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने घरों को अवैध मानते हुए बुलडोजर चलवा दिया था। 

अधिकारियों पर भी गिरी गाज

बुलडोजर एक्शन पर गौहाटी हाईकोर्ट ने पिछले साल स्वत: संज्ञान लिया था। बेंच ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि राज्य सरकार अवैध कार्रवाई से प्रभावित लोगों को मुआवजा देगी। इस मामले में इसी साल 24 अप्रैल को IGP यानी पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) ने राज्य सरकार के गृह और राजनीतिक विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी को मुआवजे का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव के मुताबिक, हर पक्के घर के लिए 10 लाख रुपये और ध्वस्त किए गए प्रत्येक कच्चे घर के लिए 2.5 लाख रुपये की सिफारिश थी। बता दें कि कोर्ट ने 4 सप्ताह के अंदर इसकी जानकारी मांगी है।

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