पत्रिका की मुहिम के बाद स्कूल बसें जांचने दौड़े परिवहन अधिकारी
– इंदौर हादसे के बाद नीमच में एक भी बस की नहीं हुई थी चैकिंग- कलेक्टर ने कहा था आरटीओ से लिया जाएगा जवाब
स्कूल बस में सवार होकर स्पीड जांचती आरटीओ एवं कर्मचारी
नीमच. इंदौर में स्कूल बस हादसे में मासूमों की मौत की हृदयविदारक घटना के बाद भी यहां परिवहन विभाग के कानों पर जूं नहीं रेंगी थी, जबकि पत्रिका ने दूसरे ही दिन स्कूल बसों का स्कैन करने के साथ ही परिवहन विभाग की उदासीनता को भी सार्वजनिक किया था। कलेक्टर ने भी सोमवार को होने वाली टीएल की बैठक में पहला बिंदु स्कूल बसों में लगने वाले सुरक्षा उपकरणों की स्थिति पर ही शामिल करने की बात कही थी। आनन फानन में सोमवार सुबह आरटीओ बरखा गौड़ ने स्कूल बसों की जांच शुरू की।
टीएल की बैठक से पहले स्कूल बसों की जांच-
सोमवार को दोपहर १ बजे से कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह टीएल की बैठक लेते इसके पहले ही आरटीओ वर्षा गौड़ अपने मातहतों के साथ शहर में निकल पड़ी। कलेक्टोरेट चौराहे पर स्कूल बसों को रोकना शुरू किया। यहां पर बसों की कतारें लगने लगी। जब यह खबर मोटर मालिकों तक पहुंची तो वे दौड़े-दौड़े पहुंचे। अनुरोध किया गया कि बच्चों को स्कूल में देरी हो रही है, इसलिए अधिकारी स्कूल परिसर में ही बसों को चैक कर लें। बात मान ली गई लेकिन आरटीओ गौड़ खुद एक बस में सवार हुई, स्पीड गवर्नर से बस की स्पीड चैक की। फिर उतरी और दूसरी बस में पहुंच गई। ज्ञानोदय कॉलेज परिसर में ८-१० बसें मौजूद थी सबकी फिटनेस, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस सिस्टम, स्पीड गवर्नर आदि की जांच की।
मनासा में भी जांच की स्कूल बसों की-
नीमच में निंबाहेड़ा रोड़, शो रूम चौराहा, महू रोड़ आदि स्थानों पर स्कूल बसों की जांच करने के बाद परिवहन अधिकारी मनासा रवाना हो गई। जानकारी मिली है कि वहां पर भी ग्रामीण क्षेत्र से बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने वाली बसों को चैक किया गया। बताया गया है इस जांच पड़ताल में करीब आधा दर्जन बसों के प्रकरण बनाए गए हैं।
गौरतलब है कि स्कूल की बसों में सुरक्षा उपकरण एवं अन्य बसों में भी महिला सुरक्षा की व्यवस्थाएं १ जनवरी को पुख्ता होना थी लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला यहां तक कि परिवहन विभाग ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया था।