रेलवे स्टेशन पर एक अगस्त से प्रारंभ होगी चित्रकारीसीआरपीएफ सहित नीमच के इतिहास को उकेरा जाएगा दीवारों पर
मुकेश सहारिया, नीमच/रतलाम। सतरंगी भारत अभियान के तहत यूथ पाठशाला फाउंडेशन द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सहयोग से नीमच रेलवे स्टेशन पर वृहद स्तर पर चित्रकारी की जाएगी। सीआरपीएफ और नीमच के इतिहास को चीरस्थाई बनाने पूर्वोत्तर से नामी कलाकार यहां पहुंचेंगे।
गोवाहाटी से आएंगे 3 राष्ट्रीय स्तर के चित्रकारयूथ पाठशाला फाउंडेशन के प्रदेश प्रभारी निलेश नागर ने बताया कि सतरंगी भारत अभियान के अंतर्गत नीमच रेलवे स्टेशन पर एक अगस्त से चित्रकारी प्रारंभ की जाएगी। इस कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर के चित्रकार यहां आएंगे। इनमें 4 कलाकार भोपाल से और 3 कलाकार गुवाहाटी से यहां पहुंचेंगे। भोपाल से वो ही कलाकार यहां आ रहे हैं जिन्होंने
सिंहस्थ के दौरान क्षिप्रा नदी के तट पर चित्रकारी की थी। शेष तीन पूर्वोत्तर के सबसे अच्छे कलाकारों में से हैं। तकनीकी विशेषज्ञ एवं मेट्रोपोलिस एशिया के मालिक रंजन के नेतृत्व में यह कलाकार स्टेशन पर काम करेंगे। असम में बाढ़ की वजह से इन कलाकारों के यहां पहुंचने में एक दिन का विलंब हो गया। 29 जुलाई को कलाकार हवाई जहाज से गुवाहाटी से नई दिल्ली पहुंचेंगे। इसी दिन दिल्ली से प्रस्थान कर 30 जुलाई को सुबह 6 बजे नीमच पहुंचेंगे।
पूर्वोत्तर के बड़े आयोजन करता है ‘मेट्रोपोलिस एशिया’नागर ने बताया कि मेट्रोपोलिस एशिया के मालिक रंजन प्रोजेक्ट सतरंगी भारत के लिए तकनीकी विशेषज्ञ हैं। मेट्रोपोलिस एशिया पूर्वोत्तर का कला संस्कृति एवं विभिन्न तरह के कलाकारों को प्रोत्साहन एवं मौका देने में सबसे बड़ा ग्रुप है। हर साल गुवाहाटी में विंटर यूथ फेस्टिवल का आयोजन होता है। इसे मेट्रोपोलिस एशिया ही आयोजित करवाता है। यह युवा महोत्सव पूर्वोत्तर में बहुत प्रसिद्ध है। इसमें असम पर्यटन विकास निगम भी हिस्सेदार होता है। अरुणाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के तवांग महोत्सव जो हर साल होता है इसे भी मेट्रोपोलिस एशिया ही आयोजित करता है। तवांग चीन सीमा से लगा हुआ अरुणाचल का बौद्ध बहुल क्षेत्र है। अरुणाचल पर्यटन विकास निगम एवं असम पर्यटन विकास निगम, असम ललित कला अकेडमी के कई पुरस्कार मेट्रोपोलिस एशिया के कलाकारों एवं रंजन को मिल चुके हैं। फिलहाल यह गु्रप असम राज्य आजीविका अभियान में असम के कलाकारों के लिए विशेष योगदान दे रहा है। 30 जुलाई को कलाकारों के यहां पहुंचते ही सबसे पहले वे रेल्वे स्टेशन का अवलोकन करेंगे। पूरी टीम में 3 महिलाएं भी हैं जो पोट्र्रेट एक्सपर्ट हैं। सभी चित्रों को कलात्मक रूप दिया जाएगा।