कोरानाकाल में यूं हो रही जांच
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर मोबाइल फूड लेबोरेट्री का संचालन प्रदेश में शुरू हुआ है। इसके माध्यम से मिलावट की जांच मौके पर की जा रही है। कोई भी व्यक्ति लेबोरेट्री में खाद्य पदार्थों की जांच करा सकता है। इस लेबोरेट्री में चार इंस्पेक्टर सेंपल लेने के लिए काम में लगे हुए है। शिकायत आने पर सीधे सैंपल लेने के लिए जाते हैं। खाद्य पदार्थ में मिलावट की जांच कराना हो तो उसे खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दफ्तर में आकर खाद्य पदार्थ के सैंपल दें सकते हैंं। यदि किसी व्यक्ति को खाद्य पदार्थ में मिलावट की जांच कराना है तो इसके लिए प्रति सैंपल १० रुपए फीस चुकानी होती है। व्यक्ति सीधे खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दफ्तर में जाकर ये सैंपल जमा करा सकता है। सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।
हाथो हाथ मिलती है जांच रिपोर्ट
खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच मोबाइल फूड लेबोरेट्री में करा सकते हैं। रिपोर्ट मौके पर दे दी जाती है। इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क देने की जरूरत नहीं है। सिर्फ संबंधित स्टोर पर पहले से जानकारी देना होगी। यदि कोई जबरन ज्यादा वसूली करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फूड सेफ्टी एक्ट के तहत दुकानदारों की जांच करते हैै, मास्क नहीं लगाने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जा रही है। कई बार दुकान भी सील की गई है। दुकानदारों को हिदायत भी दी गई है कि बिना मास्क सामान लेने आने वाले व्यक्ति को सामान न देवें।
दस रुपए का शुल्क अदा कर करा सकते है जांच
खाद्य पदार्थ में मिलावट की शिकायत करने के लिए टोल फ्री नंबर १८०००११२१०० पर कॉल कर सकते है। इस पर कभी भी किशकायत कर सकते हैं। इस दौरान शिकायत का पूरा विवरण बताना होगा। साथ ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दफ्तार में भी दस रुपए के शुल्क का डीडी बनाकर दुध, दही, मिठाई, जूस अन्य खाद्य सामग्री की शिकायत कर सकते हैं। अभी कोरोना के चलते दो माह से मोबाइल वेन लेबोट्री नहीं आई है। जल्द ही इस माह में आएगी और मौके पर जांच शुरू होगी।
– संजीव कुमार मिश्रा, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीमच।