इंदिरा नगर और ग्वालटोली के बीच बने पुराने तालाब का गहरीकरण जोरशोर से करवाया गया। अगले बरस वहां पर सौंदर्यीकरण की बड़ी योजना तैयार करने की घोषणा हुई। इसके अगले साल यहां बगीचे का काम प्रारंभ हुआ। तालाब की बाउंडरीवॉल बन गई।किनारे पर लाइटिंग हो गई। बगीचे के अंदर खूबसूरती के लिए बांस की एक झोपड़ी बनाई गई।बगीचे में घास और कुछ पौधे उगा दिए गए। बारिश तक सब कुछ ठीक था। लेकिन इसके बाद झोपड़ी भी खराब हो गई। घास इतनी बड़ी हो गई कि उसकी कटिंग तक नहीं हो रही है। इसके आगे पानी के बीच एक बड़ी शिव प्रतिमा लगाई जाना थी, प्रतिमा के लिए पानी से टापू तक पहुंचने के लिए एक मार्ग बनाया जाना था, मार्ग के लिए पीलर लगा दिए गए। इसके बाद काम बंद हो गया।