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नीमच

यहां अन्नदाता की आंखों के सामने होता है ऐसा कुछ कि…

रविवार को भी कृषि उपज मंडी में हुई लहसुन की बंपर आवक

नीमचFeb 17, 2020 / 01:32 pm

Mukesh Sharaiya

Here something happens in front of the eyes of the Annadata ...

रविवार को अवकाश के बाद भी मंडी में इस तरह रही लहसुन की बंपर आवक।

नीमच. लहसुन की बम्पर आवक के चलते किसानों को मजबूरी में दो-तीन दिन तक कतार में लगकर बारी का इंतजार करना पड़ा। जब तक मंडी में प्रवेश का नंबर आता रविवार का अवकाश आ गया। मजबूरी में किसानों को शनिवार रात को ही मंडी में ढेर लगाना पड़ा। किसानों की मजबूरी का फायदा चोरों ने उठाया। रात में किसानों की आंखो के सामने ही बदमाश लहसुन के कट्टे उठाकर चम्पत हो गए।
किसान चिल्लाते रहे, किसी ने नहीं पकड़ा चोर को
लहसुन मंडी में संचालित केंटीन के पास बने गेट के नीचे से चोर आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। रात के समय मंडी में इसी रास्ते से चोर मंडी में प्रवेश करते हैं। शनिवार रात को चोर किसानों के लहसुन से भरे कट्टे लेकर भी यहीं से भागे हैं। चौकाने वाली बात तो यह है कि चोरों के इतने हौंसले बुलंद है कि किसानों की आंखों के सामने ही कट्टे उठाकर भाग जाते हैं। मंडी प्रशासन की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे चोरों को पकड़ा जा सके। शनिवार को चोर किसान की आंखों के सामने से कट्टा उठाकर भागे। बदमाशों के पीछे भी किसान ने दौड़ लगाई, लेकिन बदमाश गेट के नीचे से निकलकर फरार हो गए। आश्चर्य की बात यह है कि मंडी में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए परिसर में पुलिस चौकी भी बनाई है। इसके बाद भी चोरी की घटनाओं पर विराम नहीं लगा रहा है। किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए मंडी प्रशासन से चोरी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है।
आढ़त से भी परेशान है किसान
मंडी में प्रतिबंध के बाद भी आढ़त जारी है। दलाल सक्रिय हैं। किसान से दलाल दो से चार प्रतिशत तक कमिशन लेते हैं। जो किसान लम्बी लम्बी कतार से बचना चाहते हैं वे आढ़तियों के चंगुल में फंस जाते हैं। आढ़त के माध्यम से मंडी में ढेर लगाए बिना किसान की उपज बिक जाती है। दलाल को केवल कमिशन भर देना पड़ता है। किसान को एक-दो दिन अपनी बारी के इंतजार में कतार में भी नहीं लगना पड़ता। दूसरी ओर किसानों को अपनी बारी के लिए लम्बी कतार में लगना पड़ता है। किसानों को काफी परेशानी भी होती है। आढ़त प्रथा की वजह से किसानों का शोषण हो रहा है। इस कारण किसानों को उपज का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा है।
मेरी आंखों के सामने हुई चोरी
मैं 40 बोरी लहसुन लेकर आया था। दो लोग मेरे ढेर में से 40 किलो का एक कट्टा लहसुन चुरा ले गए। मेरे सामने लहसुन चोरी हुई और में कुछ नहीं कर सका। मंडी में आढ़त चल रही है। उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है।
– ओमप्रकाश पाटीदार, ग्राम दारू
मंडी में सुरक्षा के नहीं हैं इंतजाम
मैं 70 बोरी लहसुन लेकर आया था। एक बोरी लहसुन मेरी आंखों के सामने चोरी हो गया। चौकीदार नशे में रहते हैं। इस कारण चोरों के हौंसले बुलंद है। पुलिस गश्त भी बंद है। इसके चलते आधी रात को मंडी में चोर सक्रिय हो जाते हैं।
– गोवर्धनलाल पाटीदार, ग्राम बिलपांग रतलाम
तीन दिन बाद नंबर आया
तीन दिन पहले मैं लहसुन लेकर आया था। लम्बी कतार लगी थी। दो दिन बाद मंडी में प्रवेश का अवसर मिला। जब तक ढेर लगता काफी देर हो गई थी। बम्पर आवक के चलते शनिवार रात को मंडी में ढेर लगाने का अवसर मिला।
– कारूलाल, चौथखेड़ा
स्वयं करना पड़ रही चौकीदारी
बंपर आवक के चलते मंडी में लहसुन का ढेर लगाने में ही दो दिन लग गए। मंडी में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। किसानों को स्वयं अपनी उपज की देखभाल करना पड़ती है। पुलिस चौकी बनाई जरूर है, लेकिन असर नहीं दिख रहा।
– दिलीपसिंह राजपूत, कोटड़ी रतलाम
दीवार बनाकर बंद करेंगे प्रवेश
कृषि उपज मंडी में अनाधिकृत प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई गई है। यह बात सही है कि गेट के नीचे और ऊपर से बदमाश मंडी में प्रवेश कर जाते हैं। उस स्थान पर दीवार बनाई जा रही है। आगामी एक पखवाड़े में काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद चोरी की घटना पर भी लगाम लगेगा।
– सतीश पटेल, सचिव कृषि उपज मंडी

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