पत्रिका ने मौके पर जाकर देखा कि नीमच-मंदसौर फ ोरलेन स्थित हर्कियाखाल फं टे से हर्कियाखाल और जीरन तक को करीब ८.३ किमी लंबा रास्ता कई जगह से काफी खराब हो रहा है। सबसे ज्यादा स्थिति हर्कियाखाल से जीरन वाले हिस्से की है। जहां 80 फ ीसदी रास्ते पर बारिश के बाद कीचड़ और सूखने पर धूल-मिट्टी परेशानी खड़ा करती है। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चलाने वालों को होती है। अगर जरा-सा भी बैलेंस बिगड़ा तो फिसलने या गिरने का भय बना रहता है। हर्कियाखाल से जीरन के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा के फुटकर व्यापारी रामसिंह ने बताया कि उसे रोज रास्ते में 2-3 बाइक और स्कूटर वाले गिरते दिख जाते हैं। जरा-सी बाइक तेज चलाई और तेजी से ब्रेक लगाया तो फिसलना तय है।
बारिश में वाहन फिसलने का भय बना रहता है
नीमच से जीरन के बीच 15 से ज्यादा बसें चलती हैं। जो अलग-अलग रूट से आवागमन करती हैं, लेकिन अधिकतर बसें हर्कियाखाल होकर जीरन की तरफ आवागमन करती हैं। इसमें से कुछ बसें अक्सर रूट बदलकर चलती है। जिससे बीच में पडऩे वाले ग्रामीण परेशान होते हैं। बस चालकों का कहना है हर्कियाखाल से जीरन मार्ग इतना खराब हो रहा है कि बारिश में फिसलने का भय बना रहता है।
हर्कियाखाल के सभी रास्तों की खस्ता हालत
हर्कियाखाल पहुंचने के लिए वैसे तो 3-4 रास्ते हैं। इसमें फं टे से सीधा रास्ता है, जबकि जमुनिया से शार्टकट रास्ता है जो दलावदा होकर आता है। लेकिन वर्तमान में दोनों रास्ते खराब हैं। फं टे वाले सीधा रास्ते पर अधूरे निर्माण के कारण चलना मुश्किल है। दूसरा हर्कियाखाल से कालीकोठड़ी, दलावदा होकर जमुनिया में नीमच-मंदसौर मार्ग पर मिलता है। यह फ ोरलेन के पहले ही आ जाता है। यह रास्ता पूरा जर्जर है। उस पर दलावदा रेलवे अंडरब्रिज में बारिश का पानी जमा होने से परेशानी बनी रहती है। जीरननगर व हर्कियाखाल के अलावा कई ग्रामीण क्षेत्र इन मार्गों से जुड़े हैं। इनमें हर्कियाखाल, बासखेड़ा, बासखेड़ी, सकरानी जागीर, अरनिया चंदेल, बमोरा, बंमोरी, सोकड़ी, पीरा, कालीकोठड़ी, दलावदा सहित अन्य ग्राम हैं।
कार्य देरी के अनुसार लगाई जाएगी पेनल्टी
जीरन-हर्कियाखाल करीब 8.3 किलोमीटर लम्बे मार्ग की सड़क निर्माण के टेंडर 10 अगस्त 2018 को जारी हुए थे। आंजना गु्रप को २० अगस्त 2018 को टेंडर के वर्क ऑर्डर जारी हुए थे। वहीं उन्हे 9 अगस्त 2019 को सालभर की अवधि में सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण करना था। लेकिन किन्ही कारणों की वजह से समयावधि में सड़क निर्माण पूर्ण नहीं हुआ। जिसके बाद उन्हें 31 मार्च 2020 तक की समयावधि में कार्य समाप्त करने स्वीकृति प्रदान की है। सड़क निर्माण 750.73 लाख की लागत से हो रहा है। समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर देरी कार्य का आंकलन कर निर्माण कंपनी पेनल्टी लगाई जाएगी।
– एमएल माली, एसडीओ पीडब्ल्यूडी विभाग नीमच।