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नीमच

Kanawati Jail यहां जब हाथकड़ी के साथ परीक्षा देने पहुंचा लूट का कैदी

जिला जेल कनावटी में काट रह है दस साल की सजा

नीमचJul 03, 2019 / 12:49 pm

Mukesh Sharaiya

Kanawati Jila Jail Neemuch Letest News In Hindi

कॉजेल कक्ष में हाथकड़ी को टेबल से बांधकर परीक्षा देता हुआ आरोपी।

नीमच. पांच साल पहले कंजाडऱ्ा क्षेत्र में एक लूट की घटना में शामिल युवक जिला जेल कनावटी में सजा काट रहा है। मंगलवार को पुलिस अभिरक्षा में कैदी पीजी कॉलेज नीमच में परीक्षा देने पहुंचा था। कैदी रवि ऊर्फ विजय पिता नंदलाल पाटीदार ने बताया कि जो कैदी जेल से फरार हुए हैं उन्होंने गलत किया। मैंने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया था। जेल में पढ़ाई की सारी सुविधाएं हैं।

अन्य कैदियों को भी पढ़ाई के लिए करता हूं प्रेरित
रवि ने बताया कि 27 मार्च 2014 को कंजाडऱ्ा मार्ग पर एक बाइक सवार से नकद राशि लूटने के प्रयास में उसे 10 साल की सजा हुई है। उसके साथी सतीश पिता नारूलाल पाटीदार के साथ पुलिस ने 29 मार्च 2014 को गिरफ्तार किया था। जेल में रहकर ही मैंने पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की। मुझे जेल में ही पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। प्रतिदिन सुबह 10 से दोपहर 1.30 बजे तक जेल में पाठशाला लगती है। इसमें 5वीं, 8वीं और 10वीं के कैदियों को ब्रजमोहन कसाना पढ़ाते हैं। पत्राचार से भोज विश्वविद्यालय से परीक्षा दे रहा हूं। बीए प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा मैं उत्तीर्ण कर चुका हूं। मैं अन्य कैदियों को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित करता रहता हूं। बीए करने के बाद मैं एलएलबी की परीक्षा दूंगा। मैं वकील बनकर उन लोगों की मदद करूंगा जो पैसे के अभाव में वकील नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों के नि:शुल्क केस लड़कर उन्हें न्याय दिलाऊंगा। कनावटी जेल से भागे 4 कैदियों के बारे में रवि ने कहा कि मैंने उन्हें भी पढ़ाई के लिए प्रेरित किया था। जेल से भागकर उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है। जेल में मिलने वाले समय का सद्उपयोग किया जा सकता है। जेल का सुधार केंद्र के रूप में लिया जाना चाहिए। जेल में रहकर गलती सुधारी जा सकती है। मैं उन कैदियों के लिए एक सबक हूं जो यहां सालों से बंद है। मुझे 10 साल की सजा हुई है, लेकिन जेल में रहकर पढ़ाई करने से मुझे जल्द ही यहां से आजादी मिल जाएगी। मुश्किल से छह महीने और मैं कनावटी जेल में रहूंगा। रवि को कनावटी जेल से एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षक परीक्षा दिलाने लाए थे। परीक्षा कक्ष से रवि भाग न जाए इसके लिए उसकी हथकड़ी को टेबल से बांधा गया था।

कनावटी जेल से आया था कैदी
कनावटी जेल में सजा काट रहे कैदी को पुलिसकर्मी परीक्षा दिलाने के लिए पीजी कॉलेज लेकर आए थे। कैदी पूर्व में भी परीक्षा देने आ चुका है। भोज विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य प्रथम में बीए फाइनल की परीक्षा देने आया था।
– प्रो. एलएन शर्मा, प्राचार्य पीजी कॉलेज
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