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Collage News यहां कॉलेज प्राचार्य ने ऐसा क्यों कहा जीवन की बहुमूल्य विरासत है योग

21 दिनों तक चले योग प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में शामिल हुए युवा

नीमचMar 26, 2019 / 01:52 pm

Mukesh Sharaiya

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शिविर में योग का अभ्यास करते हुए।

नीमच/जावद. गवर्नमेंट महात्मा गांधी महाविद्यालय ने मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल के आदेशानुसार योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था। 21 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कैवल्यधाम योग प्रशिक्षण केन्द्र के सहयोग से किया गया था।

भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं विदेशी
इस अवसर पर संस्था की प्राचार्य डा. प्रतिभा कोठारी ने सर्वप्रथम सभी सहभागियों को प्रतिदिन योग करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को बधाई दी। यह भी बताया कि योग जीवन की बहुमूल्य विरासत है। इसे हमें सहेज कर रखना चाहिए। इसको नित्य दैनिक व्यायाम के रूप में अपनाना चाहिए। वर्तमान समय में हम सभी अपनी इस बहुमूल्य धरोहर से दूर हो कर तनावग्रस्त जीवन जी रहे हैं। जबकि पाश्चात्य संस्कृति के लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। योग क्रियाओं को अपना रहे हैं। इसके माध्यम से वे शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक शांति प्राप्त कर तनाव रहित जीवन जीने लगे हैं।

21 दिवसीय चला योग का प्रशिक्षण
कैवल्यधाम के योग प्रशिक्षक लक्ष्मीनारायण द्वारा चलाए गए 21 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न योग आसनों, प्राणायाम, षटकर्म क्रियाओं का अभ्यास करवाया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन सूर्य नमस्कार का नियमित रूप से अभ्यास करवाया गया। इसके उपरान्त श्वसन तंत्र मजबूत करने, वात रोग से एवं साईनस रोग से मुक्ति दिलाने के लिए जलनेति, सूत्रनेति और रबरनेति के साथ साथ अमाशय और आहार नाल से संबंधित रोगों से मुक्ति हेतु वमन क्रिया का भी अभ्यास करवाया गया। शिविर के माध्यम से प्रतिदिन योग सहित शुद्ध क्रियाओं की विभिन्न विधाओं से प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। खासतौर पर आमजनों को होने वाली बीमारियां जैसे सर्दी, जुकाम, एलर्जी, अस्थमा, साइनस, नाक की हड्डी बढऩा आदि रोगों के लिए ये शिविर लाभप्रद रहा। किस तरह योग से शरीर और मन को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। इसका नियमित अभ्यास करवाया गया। सैद्धांतिक कक्षाओं का संचालन भी किया गया। समापन अवसर पर प्रशिक्षणाथियों द्वारा सर्वांगासन, हलासन, नौकासन, धनुर्रासन, चक्रासन, के साथ साथ जलनेति क्रिया का प्रदर्शन दिया गया। इसके अतिरिक्त योगाभ्यास एवं व्यायाम में अंतर, शारीरिक अस्वस्थता में आसन और प्राणायाम की उपयोगिता पर व्याख्यान दिए गए। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के डा. डीएल अहीर, डा. जेके मांदलिया, प्रो पीएस बघेल, प्रो. जीआर मोरे, डा. कविता शर्मा, प्रो. अनिल द्विवेदी, प्रो. उमेश किलोरिया, प्रो. जितेन्द्र परिहार, प्रो. बुजेन्द्र कुशवाह, प्रो. मिनल राठी, प्रो. दीपिका सोनी, प्रो. युक्तितिवारी, प्रो. टीना लक्षकार, निश्चय शर्मा, संजीव थोरेचा, राजेन्द्र जाटव, नरेन्द्र सकलेचा, राजेश माली, राकेश जोशी, रेणुका नागर, अमिताभ खैर के अतिरिक्त महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं में प्रियंका बैरागी, साक्षी नागर, रवि पूर्विया, पवन कीर, अनिता साहू, रानी चतुर्वेदी, राधिका माली, पायल थोरेचा, राधा धाकड़, पूजा सोलंकी, कृतिका सोनी, सौम्या डोरिया, नागेश धनगर, राहुल सांवलिया, विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी में भावेश लोहार, तन्मय नागर, विजय बैरागी उपस्थित रहे। योग प्रशिक्षण प्रभारी प्रो. पीएस बघेल एवं अतिथि क्रीडा अधिकारी संजीव थोरेचा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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