सब कुछ योजना अनुसार चला हो आगामी एक-दो माह में जिले के प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर रियायती दर पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध होने लगेगी। यदि ऐसा हुआ तो नीमच जिले संभवत: देश में पहला जिला होगा। इतना ही नहीं सेनेटरी नैपकिन नष्ट करने की महंगी मशीन खरीदने की बजाय प्रशासन स्थानीय स्तर पर ही इसका निर्माण कराने की योजना पर भी जल्द निर्णय लेने वाला है। सेनेटरी नैपकिन घर घर पहुंचाने की योजना में नीमच को देश में नंबर वन बनाने के प्रयास में प्रशासन जुटा है। जिले के प्रत्येक गांव में घर घर सस्ती दर पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराई जाएगी। जिले में करीब एक हजार 112 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। इतने केंद्रों पर सेनेटरी नैपकिन रियायती दरों पर उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। आंनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बाद में घर घर सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने की योजना है। फिलहाल प्रशासन जिले के सभी कन्या छात्रावासों में सेनेटरी नैपकिन लगाने की तैयारी मेें है। जिले में कुल 12 कन्या छात्रावास है। इनमें 500 से 600 छात्राओं ने प्रवेश ले रखा है। मशीन लगने से इन छात्राओं को काफी सुविधा होने लगेगी। सेनेटरी नैपकिन की एक मशीन करीब 25 हजार रुपए की आती है। फिलहाल तो प्रशासन अपने स्तर पर मशीन खरीदने की तैयारी में है। यदि इस कार्य में सामाजिक संगठन आगे आते हैं तो उनका भी सहयोग लिया जा सकता है। इसी प्रकार जिले में 80 से 85 कन्या हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन सभी सेंटरों पर नैपकिन नष्ट करने की मशीन भी लगाई जाएगी।
सेनेटरी नैपकीन का उपयोग नहीं करने से महिलाओं को संक्रमण हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपनी तकलीफ किसी को बताती नहीं हैं। धीरे धीरे संक्रमण शरीर में फैल जाता है। जब तक डाक्टर के पास पहुंचते हैं समस्या काफी बढ़ चुकी होती है। सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने की योजना पर प्रशासन जो काम कर रहा है इसका सबसे अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ही मिले तो ही योजना कारगर साबित हो सकती है।
– डा. विजय भारती, शासकीय चिकित्सक
सेनेटरी नैपकीन नष्ट करने की मशीन काफी महंगी आती है। हमारा प्रयास है कि इसका निर्माण स्थानीय स्तर पर कराया जाए। इससे बड़ी समस्या हल हो जाएगी। हमारा प्रयास है कि आगामी एक-दो महीने में जिले की हर आंगनवाड़ी केंद्र पर एक सेनेटरी नैपकीन मशीन उपलब्ध कराने की है। मशीन लगने से ग्रामीण क्षेत्रों में रियायती दर पर नैपकीन उपलब्ध होने से महिलाओं को कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। हमारा प्रयास यह भी है कि हर आंगनवाड़ी केंद्र पर एक नैपकीन नष्ट करने की मशीन भी लगाएं। इसमें कुछ समय लगेगा।
– राकेशकुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर