कौन क्या कर रहा है यहां पढ़ें
भारतीय जनता पार्टी की जावद इकाई में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। विधानसभा चुनाव में पूरनमल अहीर टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। उनपर जोर नहीं चल रहा है तो उनकी पत्नी जनपद पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से राजनैतिक रोटियां सेकने का काम चल रहा है। इसके चलते मंगलवार को ताल में आयोजित शासकीय कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। यहां तक कि आमंत्रण पत्र में उनका नाम तक नहीं लिखा गया। जबकि जिनते भी सरकारी आयोजन इन दिनों हो रहे हैं उनमें विधायक या सांसद प्रतिनिधियों तक के नाम आमंत्रितों की सूची में शामिल किए जा रहे हैं। जावद तहसील की ग्राम पंचायत ताल में मंगलवार को आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से अस्पृश्यता निवारणार्थ सद्भावना शिविर आयोजित किया गया था। बड़ी संख्या में आमंत्रण पत्र बांटे गए थे। चौकाने वाली बात यह थी कि ग्राम पंचायत में शासकीय कार्यक्रम होने के बाद भी जावद जनपद अध्यक्ष का नाम आमंत्रण पत्र तक में नहीं लिखा गया था। मजेदार बात यह थी कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित अवश्य किया गया था। बकायदा उनके निवास पर आमंत्रण पत्र भेजा गया था। आमंत्रण मिलने पर जनपद अध्यक्ष सुगनाबाई अहीर कार्यक्रम में पहुंची और आम जनता के साथ नीचे कुर्सी पर बैठ पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहीं।
भारतीय जनता पार्टी की जावद इकाई में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। विधानसभा चुनाव में पूरनमल अहीर टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। उनपर जोर नहीं चल रहा है तो उनकी पत्नी जनपद पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से राजनैतिक रोटियां सेकने का काम चल रहा है। इसके चलते मंगलवार को ताल में आयोजित शासकीय कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। यहां तक कि आमंत्रण पत्र में उनका नाम तक नहीं लिखा गया। जबकि जिनते भी सरकारी आयोजन इन दिनों हो रहे हैं उनमें विधायक या सांसद प्रतिनिधियों तक के नाम आमंत्रितों की सूची में शामिल किए जा रहे हैं। जावद तहसील की ग्राम पंचायत ताल में मंगलवार को आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से अस्पृश्यता निवारणार्थ सद्भावना शिविर आयोजित किया गया था। बड़ी संख्या में आमंत्रण पत्र बांटे गए थे। चौकाने वाली बात यह थी कि ग्राम पंचायत में शासकीय कार्यक्रम होने के बाद भी जावद जनपद अध्यक्ष का नाम आमंत्रण पत्र तक में नहीं लिखा गया था। मजेदार बात यह थी कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित अवश्य किया गया था। बकायदा उनके निवास पर आमंत्रण पत्र भेजा गया था। आमंत्रण मिलने पर जनपद अध्यक्ष सुगनाबाई अहीर कार्यक्रम में पहुंची और आम जनता के साथ नीचे कुर्सी पर बैठ पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहीं।
पत्नी की आड़ लेकर साधा पति पर निशाना
जनपद अध्यक्ष को कार्यक्रम में आमंत्रित करने से यह बात तो प्रमाणित हो गई कि आदिम जाति कल्याण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को उनका नाम आमंत्रण पत्र में नहीं होने की पूरी जानकारी थी। सच्चाई सामने आने के बाद अब जिम्मेदारी अधिकारी तरह तरह के बहाने बना रहे हैं। जिला संयोजक का बेतुका तर्क गले ही नहीं उतर रहा। वे पूरी मामले से स्वयं को अंजान बताने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना था कि कार्यक्रम के लिए एक समिति बनाई थी। अतिथियों के नाम उसी ने तय किए थे। परिवार में आवश्यक कार्य होने से मैं वहां व्यस्त था। इस कारण मेरा ध्यान इस ओर नहीं गया कि जनपद अध्यक्ष का नाम कार्ड में दर्ज नहीं है। जानकार बता रहे हैं कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे जनपद अध्यक्ष पति पूरणमल अहीर की विधानसभा चुनाव में टिकट की प्रबल दावेदारी कारण है। दो महीने पहले पूरणमल अहीर को जिला भाजपा कार्यालय की ओर से सोश्यल मीडिया पर एक पत्र जारी कर संगठनात्मक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया था जबकि वे में किसी भी जिम्मेदार पद पर नहीं थे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहाने के जावद आगमन पर जिस तरह से अहीर ने शक्ति प्रदर्शन किया था इससे भी भाजपा की राजनीति में भूचाल आ गया था। इन सब बातों को देखते हुए ही पूरणमल को नुकसान पहुंचाने के लिए उनकी पत्नी को अपमानित करने का काम किया जा रहा है।
जनपद अध्यक्ष को कार्यक्रम में आमंत्रित करने से यह बात तो प्रमाणित हो गई कि आदिम जाति कल्याण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को उनका नाम आमंत्रण पत्र में नहीं होने की पूरी जानकारी थी। सच्चाई सामने आने के बाद अब जिम्मेदारी अधिकारी तरह तरह के बहाने बना रहे हैं। जिला संयोजक का बेतुका तर्क गले ही नहीं उतर रहा। वे पूरी मामले से स्वयं को अंजान बताने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना था कि कार्यक्रम के लिए एक समिति बनाई थी। अतिथियों के नाम उसी ने तय किए थे। परिवार में आवश्यक कार्य होने से मैं वहां व्यस्त था। इस कारण मेरा ध्यान इस ओर नहीं गया कि जनपद अध्यक्ष का नाम कार्ड में दर्ज नहीं है। जानकार बता रहे हैं कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे जनपद अध्यक्ष पति पूरणमल अहीर की विधानसभा चुनाव में टिकट की प्रबल दावेदारी कारण है। दो महीने पहले पूरणमल अहीर को जिला भाजपा कार्यालय की ओर से सोश्यल मीडिया पर एक पत्र जारी कर संगठनात्मक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया था जबकि वे में किसी भी जिम्मेदार पद पर नहीं थे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहाने के जावद आगमन पर जिस तरह से अहीर ने शक्ति प्रदर्शन किया था इससे भी भाजपा की राजनीति में भूचाल आ गया था। इन सब बातों को देखते हुए ही पूरणमल को नुकसान पहुंचाने के लिए उनकी पत्नी को अपमानित करने का काम किया जा रहा है।
हां, चूक तो हुई थी
ताल में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मंगलवार को जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था इसके लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने ही पूरी व्यवस्था की थी। आमंत्रण कार्ड भी समिति की ओर से ही तैयार किया गया था। कार्ड छपने के बाद मेरी जानकारी में आया था। कार्ड में नाम नहीं छपने पर मैंने जनपद अध्यक्ष से क्षमा भी मांगी थी। कार्ड में नाम नहीं छपना एक बड़ी चूक है। जब जनपद अध्यक्ष कार्यक्रम में पहुंची थी तो वे नीचे बैंठी थी। उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।
– राकेशकुमार राठौर, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग
ताल में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मंगलवार को जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था इसके लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने ही पूरी व्यवस्था की थी। आमंत्रण कार्ड भी समिति की ओर से ही तैयार किया गया था। कार्ड छपने के बाद मेरी जानकारी में आया था। कार्ड में नाम नहीं छपने पर मैंने जनपद अध्यक्ष से क्षमा भी मांगी थी। कार्ड में नाम नहीं छपना एक बड़ी चूक है। जब जनपद अध्यक्ष कार्यक्रम में पहुंची थी तो वे नीचे बैंठी थी। उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।
– राकेशकुमार राठौर, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग
अधिकारी दबाव में करते हैं यह सब
सामाजिक समरसता का कार्यक्रम था। आमंत्रण पत्र घर पर आया था। अतिथि नहीं थे इसलिए आम जनता के साथ नीचे कुर्सी पर बैठे थे। ऐसा पहली बार नहीं हुुआ है कि जावद जनपद अध्यक्ष का नाम आमंत्रण पत्र में नहीं लिखा गया। पंचायतों में भूमि पूजन लोकार्पण आदि कोई भी कार्यक्रम हो तो हमेशा मुझे नजरअंदाज किया जाता है। अधिकारी किसके दबाव में ऐसा कर रहे हैं वे वो ही जाने। मुझे कार्यक्रम में अतिथि नहीं बनाया जाता, लेकिन आमंत्रित किया जाता है तो मैं जाती हूं। मुझे जनता ने चुना है इसलिए जनता के साथ कार्यक्रम में बैठकर सहभागी बनती हूं।
– सुगनादेवी अहीर, अध्यक्ष जनपद पंचायत जावद
सामाजिक समरसता का कार्यक्रम था। आमंत्रण पत्र घर पर आया था। अतिथि नहीं थे इसलिए आम जनता के साथ नीचे कुर्सी पर बैठे थे। ऐसा पहली बार नहीं हुुआ है कि जावद जनपद अध्यक्ष का नाम आमंत्रण पत्र में नहीं लिखा गया। पंचायतों में भूमि पूजन लोकार्पण आदि कोई भी कार्यक्रम हो तो हमेशा मुझे नजरअंदाज किया जाता है। अधिकारी किसके दबाव में ऐसा कर रहे हैं वे वो ही जाने। मुझे कार्यक्रम में अतिथि नहीं बनाया जाता, लेकिन आमंत्रित किया जाता है तो मैं जाती हूं। मुझे जनता ने चुना है इसलिए जनता के साथ कार्यक्रम में बैठकर सहभागी बनती हूं।
– सुगनादेवी अहीर, अध्यक्ष जनपद पंचायत जावद
विभाग का निर्णय है
विभागीय निर्णय है। इस बारे में मैं कैसे कुछ कह सकता हूं। विभागीय अधिकारियों ने ही निर्णय लिया था।
– ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक जावद
विभागीय निर्णय है। इस बारे में मैं कैसे कुछ कह सकता हूं। विभागीय अधिकारियों ने ही निर्णय लिया था।
– ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक जावद