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नीमच

शाही सवारी: Letest शाही सवारी News

बम भोले के जयकारों से गुंजायमान था आसमान

नीमचAug 20, 2018 / 11:35 pm

harinath dwivedi

letest shahi sawari News In Hindi

शिव शंकर की बारात में पैदल चल रहे विभिन्न देवी देवताओं के स्वांगधारी।

नीमच. जैसे ही शाही ठाट बाट के साथ बाबा किलेश्वर महादेव की शाही सवारी नगर भ्रमण पर निकली, श्रद्धालुओं ने पलक पावड़े बिछाकर फूलों से स्वागत किया तो आसमान से देवताओं ने बारिश की फुहारों के साथ स्वागत किया। जिस मार्ग से शाही सवारी निकली, दिल्ली और राजस्थान के कलाकारों द्वारा दी जा रही प्रस्तुतियों को लोग निहारते रह गए।
ठाट बाट के साथ निकली शाही सवारी

पहली बार आयोजित इस भव्य आयोजन को देखने के लिए लोग अपने घर और दुकान से बाहर निकले तो सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की कतार नजर आने लगी थी। सावन के अंतिम सोमवार को किलेश्वर महादेव की शाही सवारी शाही ठाट बाट के साथ निकली। जिसमें फूलों से सजा बाबा किलेश्वर का रथ, दिल्ली के कलाकारों द्वारा दी जा रही शिव तांडव की प्रस्तुति और नारायणगढ़ का आर्यवीर दल की प्रस्तुति लोगों को आंनदित कर रही थी। शिव बारात में विभिन्न देवी देवताओं के स्वांगधारी आकर्षण का केंद्र रहे। शाही सवारी जिस मार्ग से निकली, विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक संगठनों ने स्वागत किया। सावन के अंतिम सोमवार को दोपहर बाद किलेश्वर महादेव मंदिर से शाही सवारी प्रारंभ हुई। जो अग्रसेन वाटिका के यहां पूजा अर्चना के साथ भव्य रूप में तब्दिल हो गई। यहां से शाही सवारी जाजू बिल्डिंग, घंटाघर, बारदारी चौराहा, फव्वारा चौक, कमल चौक, विजय टॉकिज चौराहा, सीआरपीएफ चौराहा होते हुए पुन: किलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर महाआरती व महाप्रसादी के साथ सम्पन्न हुई।
कुकड़ेश्वर में निकली शाही सवारी
कुकड़ेश्वर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सहस्त्र मुखेश्वर महादेव की शाही सवारी सुबह 9 बजे विधि विधान से पूजा अर्चना एवं जलाभिषेक कर मंदिर प्रांगण से प्रारंभ हुई। शाही सवारी में ढोल नगाड़े, बैंड बाजे, भजन मंडली, अखाड़े, हाथी-घोड़े, भूत-प्रेत, नंदी के स्वागंधारी और कच्छी घोड़ी का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। शाही सवारी में हजारों की संख्या में शिवभक्त झूमते गाते बाबा भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वहीं स्वयं इंद्रदेव द्वारा करीब दो घंटे तक जलाभिषेक किया गया। इसी के साथ नगर में जगह जगह पूजाअर्चना और फूलों से स्वागत किया गया। वहीं सभी समाज के मंदिरों पर भगवान की पूजा अर्चना की गई। शाही बारात नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए बस स्टैंड पहुंची। जहां सांवरियाजी मंदिर पर पूजा अर्चना कर पार्वती मंदिर पर शिव विवाह किया गया। इसके पश्चात लोहार मोहल्ला जैन मंदिर मालवीय मंदिर होते हुए महादेव मंदिर पहुंची। जहां विधि-विधान से महाआरती कर प्रसाद वितरण किया गया। शाही सवारी में बाहर से आने वाले भक्तों के लिए नि: शुल्क भंडारा मंदिर परिसर पर महाकाल ऑटो पाट्र्स एवं दीपक स्टूडियो द्वारा प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी आयोजित किया गया।
कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुति
भक्तों के मनोरंजन के लिए नगर परिषद द्वारा बस स्टैंड पर मोंटी नटराजन दिल्ली की आर्केस्ट्रा पार्टी द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई। जिसका सारा श्रेय सावन उत्सव मंडल कुकड़ेश्वर को दिया गया। भूतेश्वर महादेव राजस्व कॉलोनी में महादेव का मावे से आकर्षक श्रंगार किया गया। जिसमें बाबा त्रिनेत्रधारी के दर्शन श्रद्धालुओं द्वारा किए गए। भाग्येश्वर महादेव मंदिर पर कैलाश पर्वत की आकर्षक झांकी बनाई गई। जो क्षेत्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही।
भांग व मेवे से किया भोलेनाथ का श्रंगार
जावद में खोर दरवाजा बाहर स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर पर श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। कई भक्तों ने जलाभिषेक किया। शाम को भगवान भोलेनाथ का भांग एवं सूखे मेवे से आकर्षक मनोहारी श्रंगार कर पं महेशचंद्र त्रिपाठी द्वारा विधिविधान से महादेव की आरती की गई। जिसके बाद पंजेरी का प्रसाद वितरित किया गया। पूरे मंदिर को भी विद्युत चलित लडिय़ों से सजाया गया। बस स्टैंड स्थित प्राचीन बटेश्वर महादेव मंदिर पर श्रावण मास के अंतिम सोमवार को सुबह से शाम तक भक्तों की भीड़ रही। प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त से ही मंदिर पर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने वाले भक्तों की भीड़ लगी रही। भगवान शिवजी का जलाभिषेक करने के लिए भी भक्तों की कतार बनी रही। शाम को शिवलिंग का बाबा बर्फानी अमरनाथ के रूप में आकर्षक मनोहारी शृंगार किया गया। पास ही गणपति मंदिर पर भगवान गणेश की वंदना की विद्युत चलित झांकी सजाई गई। जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही। विद्युत चलित मयूर भी सजाया गया जो भक्तों के लिए सेल्फी पाइंट बन गया। शाम को भक्तों की भारी भीड़ से मंदिर क्षेत्र ने मेले का रूप ले लिया। भक्तो ने रात्रि जागरण कर भजन कीर्तन किए।

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