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नीमच

ऐसा क्या हुआ कि ‘शिव के राज’ में ‘रक्षक की बन गए भक्षक’

जिनपर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी वे ही बनें हत्या के आरोपी

नीमचAug 25, 2018 / 11:07 pm

harinath dwivedi

MP CM LETEST HINDI NEWS NEEMUCH

साढ़े सात साल पहले पुलिस ने मालखेड़ा फंटा फोरलेन से एक शव बरामद किया था।

नीमच. महिलाओं पर अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश देश में नंबर वन है। इसकी प्रमुख वजह कुछ भी हो, लेकिन जब जनता की रक्षा करने वाले ही अत्याचार करने लगें तब न्याय की उम्मीद बेमानी लगने लगती है। ऐसा ही कुछ शिव के राज में घटा है। यहां जिनके भरोसे जनता अमन चैन की उम्मीद करती है वे ही हत्या के आरोपी बन गए हैं।

ऐसा क्या हुआ था 9 मार्च को कि…
साढ़े सात साल पहले पुलिस ने मालखेड़ा फंटा फोरलेन से एक शव बरामद किया था। नाटकीय तरीके से जिस व्यक्ति का शव बताया गया था वो बाद में जिंदा मिला था। इस प्रकरण में पुलिस ने जांच में पांच लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में 4 पुलिसकर्मियों को भी हत्या का आरोपी पाया। ये पुलिसकर्मी आज जनता की चौकसी कर रहे हैं। विदित हो कि 9 मार्च 2011 को कैंट पुलिस को मालखेड़ा और जेतपुरा फंटे के बीच फोरलेन पर एक व्यक्ति का शव मिला था। पुलिस ने अपराध क्रमांक 154/2011 में प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की थी। पुलिस ने शव से वोटर आईडी मिलना दर्शाया था। इसी के आधार पर पुलिस ने शव की पहचान घनश्याम पिता मांगीलाल धाकड़ निवासी मोतीपुरा, थाना छोटी सादड़ी राजस्थान के रूप में करते हुए शव उसके परिजनों को सौंप दिया था। शव का परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया था। एक-डेढ़ साल बाद घनश्याम धाकड़ जिंदा पकड़ गया था। तब इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी। जांच में पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दी गई थी। कुछ वर्ष बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने अपनी जांच में पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की।

इन पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सीबीआई ने इस प्रकरण में आरक्षक मुकेश चौहान, कमलसिंह चुंडावत, अजीज खान और प्रधान आरक्षक उमेश चौहान और एक अन्य महेश धाकड़ के खिलाफ अपराध क्रमांक 154/2011 के अंतर्गत भादवि की धारा 120बी, सहपठित धारा 302, 201, 221 में प्रकरण दर्ज किया है। सूत्र बताते हैं इन चारों आरोपियों में से एक मुकेश चौहान शाजापुर में पदस्थ हैं। शेष तीनों आरोपी पुलिसकर्मी वर्तमान में नीमच जिल में पदस्थ हैं। सीबीआई की ओर से पांचों आरोपियों के खिलाफ 4 जनवरी 2018 को सीजेएम कोर्ट में चालान पेश किया था। साढ़े सात महीने बीतने के बाद आला पुलिस अधिकारियों की ओर से अब तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ किसी प्रकार की वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई। वरन एक पुलिसकर्मी को उसे थाने पर पदस्थ कर दिया गया जहां उसके खिलाफ हत्या का आरोप लगा है। सीजेएम न्यायालय में पेश पूरक अभियोग पत्र और दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने सभी आरोपियों के विरूद्ध धारा 120बी, 302, 201 और 221 के अधीन अपराध का संज्ञान लिया। साथ ही सीबीआई द्वारा इस अपराध में जब्त की गई बोलेरो जीप विचारण के दौरान सत्र न्यायालय में पेश करने का भी आदेश पारित किया। विदित हो कि घनश्याम धाकड़ प्रकरण पुलिस ने पहले भादवि की धारा 304ए दुर्घटना में मृत्यु होने का प्रकरण दर्ज किया था। बाद में जब पुलिस को घनश्याम धाकड़ जिंदा मिला तो उक्त धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। आज तक इसका पता नहीं चला कि जिस व्यक्ति का शव पुलिस ने घनश्याम धाकड़ के परिवार को सौंपा था वो कौन था। इस पूरे प्रकरण की सीबीआई की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजक स्नेह प्रकाश सोनी कर रहे हैं। जल्द की यह प्रकरण सेशन कोर्ट में पहुंचेगा और वहां प्रकरण की ट्रॉयल शुरू होगी।

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