मासूम बच्चों को गली मोहल्लों में पॉलीथिन बीनते और कबाड़ा जमा करते सहज रूप से देखा जा सकता है। ये ही बच्चे भिक्षावृत्ति में भी लगे हुए हैं। इन्हें रोकने के लिए नगरपालिक अधिनियम में प्रावधान है। इसके बाद भी नपा प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता। इस बात को गंभीरता से लेेते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एक प्रतिवेदन शासन को सौंपा है। प्रदेश सरकार ने भी प्रतिवेदन को गंभीरता से लिया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की अपर आयुक्त मीनाक्षी सिंह ने 10१० मई को सभी नगरपालिका एवं नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के तहत नगरपालिका और परिषद क्षेत्र में भिक्षावृत्ति रोकने की कार्रवाई करने को कहा गया है।
मानव अधिकार आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 288 एवं मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 359, 360 और 361 में भिक्षावृत्ति प्रतिषेध के प्रावधान किए गए हैं। इसी के तहत ही नगरपालिका प्रशासन को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा की गई अनुशंसा पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से भिक्षावृत्ति रोकने की कार्रवाई करना है।
नगरीय प्रशासन विभाग से भिखारियों के संदर्भ में एक पत्र प्राप्त हुआ है। लोकसभा चुनाव के बाद इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। सर्वे कराकर भिखारियों की गणना करेंगे। इसके बाद उनके रहने, भोजन आदि की व्यवस्था की जाएगी।
– विश्वास शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी नगरपालिका नीमच