चौघडिय़ा मुहूर्त
शुभ प्रात: 06 .16 से 07.48
चर दोपहर 10.51 से 12.22 अभिजित मुहूर्त
दोपहर 11.58 से 12.47
लाभ दोपहर 12.22 से 01.54
अमृत 01.54 से 03.26
शुभ सायं 04.57 से 06 .29
अमृत साय 06 .29 से 07.57
सिंह प्रात: 04.20 से 06 .32
वृश्चिक दोपहर 10.56 से 01.12
कुंभ सायं 05.04 से 6 .38
वृषभ रात्रि 09.49 से 11.47 ऐसे बनाए मिट्टी के गणेश की सिद्ध प्रतिमा
मंगलमूर्ति की मूर्ति शास्त्रीय विधिविधान से बनाई जानी चाहिए। जिसमें मिटटी शुद्ध एवं पवित्र स्थान से ली गई हो। मिटटी में गोबर, गंगाजल, तीर्थों का जल, तीर्थों की मिटटी, पंचगव्य, पंचामृत, दूर्वा के आलावा 56 प्रकार की औषधियां भी मिलाई जानी चाहिए। मिट्टी गूथने से लेकर गणेश की प्रतिमा को आकर देने तक वैदिक मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए। मंगल मूर्ति को रंग देने के लिए सिंदूर, काजल, अबीर, गुलाल, हल्दी, भस्म का प्रयोग करें। प्रतिमा के निर्माण में किसी भी प्रकार के केमिकल या कलर का उपयोग वर्जित है।