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आज घर घर होगी विघ्नहर्ता श्रीगणेश की स्थापना

-गणेशोत्सव में हर दिन रहेगा शुभ योग-दिव्यांगों ने बनाए एको फैं्रडली गणेश

नीमचSep 13, 2018 / 12:17 pm

harinath dwivedi

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आज घर घर होगी विघ्नहर्ता श्रीगणेश की स्थापना

नीमच. शहर सहित अंचलों में गुरुवार से विघ्नहर्ता के जयकारे सुनाई देंगे। 11 दिवसीय इस गणेशोत्सव में जहां हर दिन शुभ संयोग रहेगा। वहीं इस बार एक भी तिथि का क्षय नहीं होने के कारण श्रद्धालु पूरे 11 दिन भगवान गणेश की आराधना में लीन रहेंगे।
भाद्रपद शुक्ल गणेश चतुर्थी पर इस साल कई शुभ संयोग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश का दोपहर में जन्म हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी शुभ तिथि, नक्षत्र, योग और वार में होने के कारण शुभ फल देने वाला होगा। इसके अलावा ११ दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव में हर दिन एक शुभ योग बन रहा है। इस गणेश उत्सव में एक भी क्षय तिथि नहीं होगी।
ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया कि चतुर्थी तिथि 12 सितंबर बुधवार को शाम चार बजकर सात मिनट पर प्रारम्भ हो रही है। जो 13 सितंबर दोपहर 2 बजकर 51 मिनट पर समाप्त हो रही है। गुरुवार, चतुर्थी और स्वाती नक्षत्र से सुस्थिर, व प्रशस्त नाम का शुभ योग से गणपति की स्थापना करने पर सुख और समृद्धि और विशेष कर गृह की प्राप्ति होगी। साथ ही गजकेसरी व बुधादित्य का राजयोग भी बन रहा है। 13 सितंबर से 23 सितंबर तक हर दिन शुभ योग और शुभ नक्षत्र में गणेश उत्सव रहेगा। इन ११ दिनों में अमृत, रवि, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, सर्वार्थ सिद्धि, सुकर्म और धृति योग बनेगा।
पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया कि भगवान गणेश का जन्म दोपहर में हुआ है। इसलिए भगवान गणेश की पूजा दोपहर को ही होगी। उन्होंने बताया कि पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 12.22 से दोपहर बाद 12.47 बजे 25 मिनिट तक सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। उसके बाद भी पूजा की जा सकती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की रात को चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि अनजाने में यदि कोई व्यक्ति चतुर्थी की रात में चंद्रमा को देख ले तो उसे झूठा-कलंक झेलना पड़ता है। इसीलिए इस दिन चन्द्रदेव को अघ्र्य देना चाहिए लेकिन उनकी ओर देखना नहीं चाहिए।
दिव्यांगों ने बनाए इको फ्रैंडली गणेश
सीडब्ल्युएसएन छात्रावास में बुधवार को दिव्यांगों ने सुपारी से इको फ्रैंडली गणेश का निर्माण किया। गणेश की आकर्षक प्रतिमा तैयार करने के साथ ही बच्चों ने प्राकृतिक सामग्रियों से ही श्रंगार किया।


चौघडिय़ा मुहूर्त
शुभ प्रात: 06 .16 से 07.48
चर दोपहर 10.51 से 12.22

अभिजित मुहूर्त
दोपहर 11.58 से 12.47
लाभ दोपहर 12.22 से 01.54
अमृत 01.54 से 03.26
शुभ सायं 04.57 से 06 .29
अमृत साय 06 .29 से 07.57
नोट-राहुकाल दोपहर 01.54 से 03.26 तक रहेगा।

स्थिर लग्न मुहूर्त
सिंह प्रात: 04.20 से 06 .32
वृश्चिक दोपहर 10.56 से 01.12
कुंभ सायं 05.04 से 6 .38
वृषभ रात्रि 09.49 से 11.47

ऐसे बनाए मिट्टी के गणेश की सिद्ध प्रतिमा
मंगलमूर्ति की मूर्ति शास्त्रीय विधिविधान से बनाई जानी चाहिए। जिसमें मिटटी शुद्ध एवं पवित्र स्थान से ली गई हो। मिटटी में गोबर, गंगाजल, तीर्थों का जल, तीर्थों की मिटटी, पंचगव्य, पंचामृत, दूर्वा के आलावा 56 प्रकार की औषधियां भी मिलाई जानी चाहिए। मिट्टी गूथने से लेकर गणेश की प्रतिमा को आकर देने तक वैदिक मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए। मंगल मूर्ति को रंग देने के लिए सिंदूर, काजल, अबीर, गुलाल, हल्दी, भस्म का प्रयोग करें। प्रतिमा के निर्माण में किसी भी प्रकार के केमिकल या कलर का उपयोग वर्जित है।

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