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नीमच

मन मंदिर को टटोल के देखें प्रभु के हो जाएंगे दर्शन

संस्था शिवाशीष के तत्वावधान में नानीबाई का मायरा कथा प्रारंभ

नीमचSep 20, 2018 / 12:14 pm

harinath dwivedi

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मन मंदिर को टटोल के देखें प्रभु के हो जाएंगे दर्शन

नीमच. प्रभु दर्शन की आस लिए हम दर दर भटकते हैं। मंदिर मंदिर जाते हैं, जबकि प्रभु तो हमारे दिल में बैठे हैं। कभी आखों को बंद कर मन मंदिर को टटोल कर देखें प्रभु के दर्शन हो जाएंगे। प्रभु तो हमारे मन में बसे हुए हैं और हम दर दर भटक रहे हैं।
यह विचार पंडित शुभम् दुबे इंदौर ने व्यक्त किए। वे संस्था शिवाशीष के अध्यक्ष जसराज मेहता के तत्वावधान में माहेश्वरी भवन में आयोजित तीन दिवसीय नानीबाई का मायरा कथा के प्रथम दिन पांडाल में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संसार सागर है और सागर का पानी खारा है। उसी प्रकार संसार का प्रत्येक प्राणी खारा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आप किसी व्यक्ति को भोजन के लिए आमंत्रित करों और उसे कितने ही अच्छे व्यंजन, पकवान आदि खिलादों पर अंत में जाते जाते वह बोल ही जाता है कि सब्जी में थोड़ा नमक कम था इसलिए संसार को सागर की संज्ञा दी गई है। जब तक मन की खार नहीं मिटाओंगे तब तक मन मंदिर में बैठे प्रभु के दर्शन दुर्लभ हैं। जिस दिन मन की खार मिट जाएगी उस दिन कंकर में भी शंकर नजर आएंगे। प्रथम दिन कथा में पंडित दुबे ने नर्सी मेहता के जीवन का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि नर्सी मेहता जन्म से मूक बधिर थे। जिन्हें उनकी भाभी ने बहुत प्रताडि़त किया पर महादेव की कृपा से वे बोलने और सुनने लगे थे। पंडित दुबे ने बताया कि नर्सी मेहता स्वस्थ हो गए और उनका विवाह हो गया, लेकिन मन में त्याग तत्पस्या की भावना ऐसी जगी कि वे घर छोड़कर महादेव की भक्ति में लीन हो गए। जब नर्सी मेहता की भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव ने उनसे पूछा की आपको क्या चाहिए। जिस पर नर्सी मेहता ने कहा कि मुझे तो बस राधा कृष्ण के दर्शन करने हैं। कथा के दौरान पंडित दुबे नर्सी मेहता के जीवन पर प्रकाश डालते हुए नर्सी मेहता प्रसंगों की वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप व्याख्या की। कथा के दौरान पंडित दुबे ने मेरो प्यारा नंदलाल, किशोरी राधेश्याम…। जीवन तो मैया एक रेल है। कभी पेसेंजर कभी मेल है…। पायोजी मैंने राम रतन धन पायो… आदि भजन सुनाकर कथा पांडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीन दिवसीय कथा दोपहर 12 से शाम 4 बजे प्रवाहित हो रही है। बुधवार को कथा शुभारंभ और समापन भगवान कृष्ण
व पौथी आरती से हुआ। इस मौके पर शिवाशीष संस्था के अध्यक्ष जयराज मेहता, उपाध्यक्ष प्रकाश नागदा, पृथ्वीराज मेनारिया, दशरथ मेनारिया, रितु नागदा, शिव माहेश्वरी, संस्था सचिव राजू नागदा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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