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गरबों पर दिखाई देने लगा आचार संहिता का असर

होईकोर्ट के आदेश के बाद ही मिल सकेगी गरबा आयोजकों को राहतपहले ही दिन गरबा पांडालों में पहुंचा पुलिस अमला, दी चेतावनी

नीमचOct 12, 2018 / 11:26 am

harinath dwivedi

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गरबों पर दिखाई देने लगा आचार संहिता का असर

नीमच. जिसकी आशंका थी वो ही बात सामने आई। आचार संहिता का असर गरबा आयोजनों पर भी सीधे सीधे पड़ता दिख रहा है। प्रशासन ने ऊंची आवाज में डीजे बचाने और प्रतिबंधात्मक आदेश लागू होने के चलते रात १० बजे बाद गरबों पर रोक लगा दी है। इससे व्यथित होकर गुरुवार को गरबा आयोजकों ने कलेक्टर राकेशकुमार श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक तुषारकांत विद्यार्थी से कलेक्टोरेट में बैठक की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
सख्ती से रोष दिखा आयोजकों में
विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई थी। जिला प्रशासन ने भी आचार संहिता पर सख्ती बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। बुधवार को ही निजी कॉलेज और शासकीय स्कूल के प्राचार्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए थे। निर्वाचन आयोग के ही सख्त निर्देश है कि रात १० बजे बाद किसी कीमत पर ऊंची आवाज में डीजे नहीं बजाए जाएं। इसका पालन करते हुए ही बुधवार को जिला मुख्यालय पर जितने भी स्थानों पर गरबा हो रहे हैं वहां पुलिस अधिकारी पहुंचे थे। सभी गरबा आयोजकों को सख्त हिदायत दी गईथी कि किसी भी कीमत पर रात 10 बजे गरबा को शोर थम जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो संबंधितों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की इस सख्ती के बाद गरबा आयोजकों में रोष दिखा। गुरुवार को सभी गरबा आयोजक लामबंद हुए। उन्होंने कलेक्टर ओर पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर बीच का रास्ता निकालने का निर्णय लिया।
कम से कम एक घंटे तो मिले और समय
आचार संहिता का असर राजनीतिक गतिविधियों के साथ धार्मिक आयोजनों पर भी दिखाई देने लगा है। इसके चलते गुरुवार दोपहर जिला मुख्यालय के प्रमुख गरबा आयोजक मंडल के पदाधिकारी लामबंद होकर नगरपालिका अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन के नेतृत्व में कलेक्टोरेट पहुंचे। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर राकेशकुमार श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक तुषारकांत विद्यार्थी के साथ गरबा आयोजकों ने चर्चा की। नपाध्यक्ष ने आयोजकों का पक्ष रखते हुए कहा कि गरबा आयोजन एक धार्मिक परम्परा है। इसमें प्रायोगिक तौर पर पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए। नियमों के साथ धार्मिक भावना का भी सम्मान रखना आवश्यक है। गरबा आयोजकों की ओर से बताया गया कि हम भी आचार संहिता का सम्मान करते हैं। लेकिन रात 9 बजे तो अधिकांश दुकानदार अपनी संस्थान बंद कर घर पहुंचते हैं। इसके बाद ही वे गरबा देखने के लिए निकल पाते हैं। इतने में 10 कब बज जाती है पता ही नहीं चलता। ऐसे में कम से कम एक घंटे का तो अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए। बैठक में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने गरबा आयोजकों की बात को गंभीरता से सुना और बताया कि आपकी भावनाओं से राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया है।
आज आना है हाईकोर्ट से आदेश
बैठक में बताया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बेंच इंदौर में इसी बात को लेकर एक याचिका लगाई गईहै। शुक्रवार को इस पर होईकोर्ट का फैसला भी आने वाला है। माननीय उच्च न्यायालय इंदौर बेंच द्वारा जो आदेश दिया जाएगा उस अनुसार भी नीमच जिले के गरबा आयोजकों को राहत प्रदान की जाएगी।
राज्य निर्वाचन तक बात पहुंचाने का किया अनुरोध
गरबा आयोजन के समय को लेकर गुरुवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से गरबा के समय में एक घंटे की वृद्धि करने की मांग की। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को हाईकोर्ट इंदौर बेंच का फैसला आने वाले है इसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे। हमने अधिकारियों से कहा है कि हमारी बात को राज्य निर्वाचन आयोग को भी अवगत कराएं और रात ११ बजे तक गरबा आयोजित हो सके इसकी अनुमति प्रदान कराएं। उन्होंने इसके लिए आश्वासन दिया है।
– राकेश पप्पू जैन, नपाध्यक्ष
जिले में लागू है धारा 144
आचार संहिता लागू है। रात 10 बजे बाद ध्वनी विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिले में धारा 144 भी लागू है। जहां तक गरबा आयोजन का प्रश्न है शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद देखते हैं क्या कर सकते हैं।
– राकेशकुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर

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