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बेरोगारी को लेकर भी चिंतित है युवा वर्ग

पत्रिका चुनाव चौपाल पर बेबाकी से रखी लोगों ने रायमहंगाई का सीधा पड़ रहा व्यापार पर असर

नीमचNov 16, 2018 / 10:11 pm

harinath dwivedi

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बेरोगारी को लेकर भी चिंतित है युवा वर्ग

नीमच. जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होती जा रही है। दुकान हो या चौपाल सभी दूर चुनावी चर्चे गर्महैं। भाजपा और कांगे्रस प्रत्याशियों के जनसम्पर्क से लेकर सरकार द्वारा किए गए कार्यों के चर्चे आम हैं। युवाओं की जुबान पर पैरासूट से उतरे प्रत्याशियों को लेकर अधिक चर्चा हो रही है। महंगाई और युवाओं की बेरोजगारी के मुद्दे भी चर्चा के महत्वपूर्ण पूर्ण बिंदू हैं। राजनीतिक दलों द्वारा गरीबों के उत्थान के लिए योजनाएं अवश्य लागू की जा रही है, लेकिन इसका अतिरिक्त भार आम जनता पर ही पड़ता है यह पीड़ा भी चर्चा में निकलकर सामने आ रही है।
युवाओं को मिले रोजगार के अवसर
आम जनता प्रदेश सरकार से काफी उम्मीदें लगाए बैठी हैं। जिसकी भी सरकार बनें, महंगाई नियंत्रित करने का सबसे पहला काम करे। आज युवा शिक्षित तो हो रहा है, लेकिन रोजगार नहीं मिल पाने की वजह से दर दर भटकने को मजबूर है। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
– दिलीप शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स
कहीं न लाद दे अतिरिक्त आर्थिक बोझ
चाहे सरकार भाजपा की बने या कांग्रेस की जनहित में कार्य होना चाहिए। अच्छी बात है कि कांग्रेस और भाजपा गरीबों के हितों की बात करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि दोनों की राजनीतिक दल अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए आम लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ लाद दे।
– श्रीकांत जायसवाल, ट्रेवल्स संचालक
हर समस्या को किया है दूर
भाजपा शासन में अच्छे काम हुए हैं। जनता की हर समस्याओं का निराकरण करने का पूरा प्रयास किया गया है। कुछ कमियां रह गई होंगी तो उन्हें भी दूर किया जाएगा। जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई है। इसका लाभ अवश्य भाजपा को मिलेगा।
– विजय डोरिया, रेडिमेड गारमेंट्स

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तीन महिलाओं ने चुनावी समर में भरी हुंकार
पिछले चुनाव में एक भी महिला नहीं उतरी थी मैदान में
निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में भी आई कमी
नीमच. इस विधानसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों ने भी हुंकार भरी है। दो महिला प्रत्याशियों को तो बकायदा पार्टी ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर चुनावी रण में उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों सीटों से एक भी महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं थी।
प्रमुख दलों ने नहीं उतारी महिला प्रत्याशी
नीमच जिले की राजनीति में ऐसा नहीं कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों में महिला का वर्चस्व कम है। जिला पंचायत हो या फिर जनपद पंचायत। यहां तक कि नगर परिषद में महिलाओं अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है। वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष भी महिला है। बावजूद इसके जब भी विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण पर चर्चा होती है महिला उम्मीदवार को लेकर दोनों की राजनीतिक दल पीछे हट जाते हैं। इसकी वजह क्या है यह तो वे ही जाने लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि आज तक नीमच जिले की तीनों विधानसभा सीटों से दोनों प्रमुख दलों ने एक भी महिला प्रत्याशी पर भरोसा नहीं किया है। इस बार शिवसेना और आम आमदी पार्टी ने अपना अधिकृत प्रत्याशी महिलाओं को बनाया है। मनासा से आम आदमी पार्टी की राजिंदर कौर मैदान में हैं तो नीमच से शिवसेना की स्नेहलता शर्मा ने चुनाव लड़ रही हैं। नीमच सीट से एक अन्य महिला उम्मीदवार रेशमा बी भी चुनावी समर में भाग्य आजमा रही हैं। इस बार जिले में चुनावी दंगल में उतरे कुल 23 प्रत्याशियों में से 3 महिला प्रत्याशी हैं।
निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या भी हुईकम
पिछले विधानसभा चुनाव में तीनों विधानसभा सीटों से कुल २४ प्रत्याशी मैदान में थे। इस बार कुल 23 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 6 है। मनासा से एक भी निर्दलीय मैदान में नहीं है। नीमच और जावद से 3-3-3 निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं। नीमच से एक महिला भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में मनासा से २, नीमच से ४ और जावद से 3 कुल 9निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था।

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