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परम्परागत फसलों का बीमा, नवाचार अपनी जोखिम पर

– नवाचार के दौरान प्राकृतिक आपदा होने पर किसान को भुगतना पड़ता है नुकसान – जिले में रबी के लिए सिर्फ गेहूं, जौ, सरसों ही है बीमित फसले

नीमचJan 30, 2019 / 06:58 pm

Mahendra Upadhyay

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परम्परागत फसलों का बीमा, नवाचार अपनी जोखिम पर

नीमच। किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए परम्परागत खेती से हटकर नवाचार करते है, कृषि विभाग भी इसकी सलाह देता है, लेकिन सरकार ओर बीमा कम्पनियां नवाचार को प्रोत्साहन देने की बजाए किसान के अधिकारों का ही हनन कर रही है। मामला फसल बीमा योजना का है।
जिले में 90 फीसदी परम्परागत फसलों का बीमा होता है, बाकी फसलों का बीमा नहीं होता है। किसान अपने खेतों पर अगर नवाचार कर फसलों की बुवाई करता है और प्राकृतिक आपदा होती है, तो उसे बीमा क्लेम तक नहीं मिलता है। हर वर्ष बीमा कम्पनियां जिले के अनुसार सबसे अधिक बोई जाने वाली फसलों को इसके दायरे में लेती है। जिले में इस वर्ष रबी की फसल के लिए गेहूं, जौ, चना की फसलों को ही बीमित फसल के दायरे में रखा गया है। जबकि अन्य फसले भगवान भरोसे ही है। आर्थिक संकटों से जूझ रहे किसानों के सामने अब बड़ा संकट यह है कि वह बीमा का लाभ लेने के लिए परम्परागत खेती करे या फिर आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भगवान भरोसे होकर खेतों पर नवाचार करें।

नवाचार पर गिरी गाज
बोरखेड़ी गांव के किसान संतोष शर्मा ने बताया कि इस बार रबी फसल पकने लायक होते ही पाले की चपेट में आ गई है। इससे जिले में परम्परागत के फसलों के अलावा करीबन 3500 हैक्टेयर में बाई गई है। बैंगन, पपीता, टमाटर, मिर्ची आदि सब्जी की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। इसमें जिले में महंगी फसल अफीम को भी नुकसान हो रहा है। फसल में करीब 30 फीसदी नुकसान हुआ है। लेकिन इन फसलों को बीमा लाभ के योग्य नहीं माना जा रहा है। ऐसे में किसानों के लाखों रुपए बर्बाद हो गए है और आर्थिक तंगी में फस गए हैं।
हर ब्लॉक में अलग फसलों का बीमा
जिले में इस बार रबी की फसल करीब एक लाख रकबा में हुई है। जिले में सिर्फ तीन प्रमुख फसलों गेहूं, सरसो, चना को ही बाीमा के दायरे में लिया गया है। इसमें भी प्रत्येक ब्लॉक में अलग-अलग फसलों का चयन किया गयया है।
जिले में यह हुई बुवाई
फसल——————भूमि
गेहूं———————49 हजार 200 हैक्टेयर
सरसों——————-21 हजार हैक्टेयर
चना———————40 हजार हैक्टेयर


तीन फसलों का बीमा
जिले में सबसे अधिक बोई जाने वाली फसलों को बीमा के दायरे में लिया जाता है। कौनसी फसल बीमा के दायरे में आएगी और कौनसी नहीं आएगी। इसका फैसला बीमा कम्पनियां और सरकार करती है। इस वर्ष रबी के लिए जिले में तीन प्रमुख फसलें गेहूं, चना और सरसों है।
– नवीन सिंह रावत, उपसंचालक कृषि विभाग नीमच।

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