बोरखेड़ी गांव के किसान संतोष शर्मा ने बताया कि इस बार रबी फसल पकने लायक होते ही पाले की चपेट में आ गई है। इससे जिले में परम्परागत के फसलों के अलावा करीबन 3500 हैक्टेयर में बाई गई है। बैंगन, पपीता, टमाटर, मिर्ची आदि सब्जी की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। इसमें जिले में महंगी फसल अफीम को भी नुकसान हो रहा है। फसल में करीब 30 फीसदी नुकसान हुआ है। लेकिन इन फसलों को बीमा लाभ के योग्य नहीं माना जा रहा है। ऐसे में किसानों के लाखों रुपए बर्बाद हो गए है और आर्थिक तंगी में फस गए हैं।
जिले में इस बार रबी की फसल करीब एक लाख रकबा में हुई है। जिले में सिर्फ तीन प्रमुख फसलों गेहूं, सरसो, चना को ही बाीमा के दायरे में लिया गया है। इसमें भी प्रत्येक ब्लॉक में अलग-अलग फसलों का चयन किया गयया है।
फसल——————भूमि
गेहूं———————49 हजार 200 हैक्टेयर
सरसों——————-21 हजार हैक्टेयर
चना———————40 हजार हैक्टेयर
तीन फसलों का बीमा
जिले में सबसे अधिक बोई जाने वाली फसलों को बीमा के दायरे में लिया जाता है। कौनसी फसल बीमा के दायरे में आएगी और कौनसी नहीं आएगी। इसका फैसला बीमा कम्पनियां और सरकार करती है। इस वर्ष रबी के लिए जिले में तीन प्रमुख फसलें गेहूं, चना और सरसों है।
– नवीन सिंह रावत, उपसंचालक कृषि विभाग नीमच।