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नीमच

मानव जीवन में मोक्ष के लिये दीक्षा एक अनमोल गहना है -साध्वी अमीपूर्णा श्रीजी मसा.

नूतन साध्वी जिर्नांगपूर्णा श्रीजी महाराज सा. के पगलिये में उमड़े श्रद्धालु

नीमचFeb 12, 2019 / 07:22 pm

Mahendra Upadhyay

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मानव जीवन में मोक्ष के लिये दीक्षा एक अनमोल गहना है -साध्वी अमीपूर्णा श्रीजी मसा.

नीमच। मानव जीवन में मोक्ष के लिये दीक्षा एक अनमोल गहना है, संयम जीवन से मोक्ष की राह प्रारम्भ होती है। नीमच की लाल माटी रत्न गर्भा है और यहां की बेटी ने दीक्षा ली है। यह नीमच क्षेत्र के लिये नहीं पूरे देष के लिये गोरव की बात है संसारी लोग भी संयम जीवन के मार्ग को अपनायें और सांसारिक भौतिक सुखों के मोह को त्याग कर सांसारिक जीवन को छोड़े तभी आत्मा का कल्याण हो सकता है।यह बात साध्वी अमीपूर्णा श्रीजी मसा. ने कही वे श्री जैन ष्वेताम्बर भीड भंजन पाश्र्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा आचार्य हेमचन्द्र सागर सूरी महाराज एवं साध्वी अमीपूर्णा श्रीजी महाराज के पावन सानिध्य में जयती छाजेड़ की दीक्षा के उपरान्त सोमवार सुबह 7.30 बजे जैन कालोनी छाजेड़ भवन नृतन साध्वी जिर्नांगपूर्णा श्रीजी महाराज एवं साध्वी वृन्द के ससंघ पगलिये के दौरान आयोजित धर्मसभा में बोल रही थी।
उन्होनें कहा कि नीमच के लोगों द्वारा दीक्षा महोत्सव, वरघोडा आदि विभिन्न धार्मिक अनुश्ठानों में एक से बढ़कर एक योगदान दिया जो सम्मान योग्य कदम है । नीमच श्रीसंघ ने संकल्प लिया कि भविश्य में नीमच के किसी भी सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम में रात्री भोज का आयोजन नहीं किया जायेगा । ताकि जीव दया की पालना हो सकें । इस अवसर पर साध्वी लब्धीपूर्णा श्रीजी मसा. ने कहा कि नागपुर से उग्र पैदल विहार कर साध्वी वृन्द नीमच की बेटी को लेने आयें है और नीमचवासियों ने पलक पावड़े बिछाकर साधु-संतों की भव्य अगवानी की जो साधुवाद के पात्र है । नीमच की बेटी व्रत, उपवास की तपस्या कर नीमच का नाम पूरे देश में चमकायेगी । साध्वी जिर्नांगपूर्णा श्रीजी मसा. ने कहा कि भौतिक संसार गंदगी का दलदल है यह उस ***** की भांति है जिसे एक बार नहला धुलाकर स्वर्ग लोक में ले गये लेकिन वह मन से दुखी रहने लगा जब उसे वापस पृथ्वी लोक पर गंदगी में छोड़ दिया तो वह सुखी रहने लगा । संसार के लोग संसार की भौतिक गंदगी में ही मन को सुखी मानते है जबकि मोक्ष मार्ग जाने के लिये साधु जीवन एवं संयम की राह में ही आनंद है संसार में नहीं । संयम बिना मनुष्य का कल्याण नहीं हो सकता है इससे पूर्व साध्वी जिर्नांगपूर्णा श्रीजी मसा. के कुमकुम पगलिये विजय छाजेड़ के आवास पर किये गये इस अवसर पर साध्वी अमीपूर्णा श्रीजी मसा. द्वारा मांगलिक श्रवण करवाकर मंगल आर्शीर्वाद प्रदान किया । धर्मसभा में अनिल नागौरी, मनीष कोठारी, विनोद छाजेड़, विजय छाजेड़, पारस नागौरी सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे ।
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