दो कांग्रेस पार्षदों ने किया आरक्षण प्रक्रिया का बहिष्कारकांग्रेस पार्षद ने कलेक्टर को शिकायत पत्र देकर प्रक्रिया निरस्त करने की रखी मांग
नीमच•Feb 13, 2019 / 08:12 pm•
Mahendra Upadhyay
video करीब 10 करोड़ की नपा दुकानों में फिर फंस सकता है पेंच
नीमच. शनिवार को 10 करोड़ से अधिक लागत की ३६ दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठने के बाद मंगलवार को फिर से आनन फानन में आरक्षण प्रक्रिया पूरी की गई। इसको लेकर भी कांग्रेस पार्षद ने कलेक्टर को शिकायत कर पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की। आरोप लगाया गया कि आरक्षण प्रक्रिया की जानकारी सभी पार्षदों को नहीं दी गई। नपा के सक्षम अधिकारी की गैर मौजूदगी में दुकानों को आरक्षण किया गया।
ेदो कांग्रेस पार्षदों ने किया बहिष्कार
नपा की 36 दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया का दो कांग्रेस पार्षदों ने बहिष्कार किया। वार्ड क्रमांक 15 के कांग्रेस पार्षद विनोद बोरीवाल और वार्ड क्रमांक 20 के कांग्रेस पार्षद शाबिर मसूदी ने आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए उसका बहिष्कार कर दिया। बोरीवाल ने सीएमओ के नाम आवदेन देकर बताया कि 36 दुकानों में से 18-18 दुकानों को आरक्षण रोस्टर प्रणाली से अलग अलग रूप में हो। इससे अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्गों की दुकाने एक सामान्य आरक्षण से खुले। किसी भी आरक्षणदाता को आगे पीछे की दुकानें सामान्य रूप से उपलब्ध हो सके ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाए। शाबिर मसूदी ने बहिष्कार इसलिए किया कि आरक्षण प्रक्रिया के दौरान नगरपालिका का कोई सक्षम अधिकारी मौजूद नहीं है। सीएमओ की गैर मौजूदगी में आरक्षण प्रक्रिया को पूर्ण किया जाना उचित नहीं होगा।
कलेक्टर के समक्ष फिर पहुंची शिकायत
कांग्रेस पार्षद योगेश प्रजापति ने मंगलवार को कलेक्टर राजीव रंजन मीना को नपा की ३६ दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया को लेकर पुन: शिकायत की। प्रजापति ने कलेक्टर को बताया कि शनिवार को मेरी शिकायत के आधार पर ही नगरपालिका की ३६ दुकानों की नीलामी पर रोक लगाई गईथी। इस बीच मुझे जानकारी मिली कि मंगलवार को नपा अधिकारी आनन फानन में फिर से दुकानों का आरक्षण कर रहे हैं। दुकानों को आरक्षण नपा में सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति में किया जा रहा है। सीएमओ भोपाल गए हुए हैं। जिस प्रभारी राजस्व अधिकारी की देखरेख में पूर्व में आरक्षण प्रक्रिया गलत तरीके से हुई थी उन्हीं की देख रखे में फिर से दुकानों का आरक्षण किया गया है। ठेकेदार की ओर से अब तक दुकाने नगरपालिका को हैंडओवर भी नहीं की गईहै। न ही वहां अब तक मूलभूत सुविधाएं ही उपलब्ध हैं। दुकानों के आरक्षण के संबंध में सभी पार्षदों को जानकारी भी नहीं दी गईथी। आज जो आरक्षण हुआ वो भी ७ पार्षदों की उपस्थिति में हुआ है। कमीशन के चक्कर में ही दुकानों को बेचने का काम किया जा रहा है। ऐसे में दुकानों की नीलामी और आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई गए।
पार्षदों की मौजूदगी में हुआ आरक्षण
मंगलवार दोपहर करीब 3.15 बजे से सब्जी मंडी के सामने बनी 36 दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया को पूरा किया गया। इस दौरान 7 पार्षद और आमजन उपस्थित थे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। 36 में से 5 दुकानें एससी, एक दुकान एसटी, दो दुकानें ओबीसी, एक दुकान विकलांग और 2 दुकानें अनारक्षित महिला वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से अंजाम दी गई। बकायदा वीडियोग्राफी कराई गई। अब इसे परिषद के समक्ष स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।
– दिनेश चांदना, प्रभारी राजस्व अधिकारी