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18 साल बाद 6 मार्च को राहु-केतु करेंगे राशि परिवर्तन

-ग्रहों के योग बता रहे भारत को मिलेगी युद्ध में जीत-राहु केतु चलते हैं उल्टी चाल

नीमचMar 05, 2019 / 08:58 pm

Mahendra Upadhyay

patrika

18 साल बाद 6 मार्च को राहु-केतु करेंगे राशि परिवर्तन

नीमच. वैसे तो राहु केतु एक राशि से दूसरी राशि में करीब 18 माह बाद प्रवेश करते हैं। लेकिन यह अवसर 18 साल बाद आ रहा है जब राहु फिर से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। चूकि राहु को शनि का खास मित्र माना जाता है वहीं केतु को मंगल का मित्र माना जाता है, इस कारण उक्त ग्रहों द्वारा अपने अपने घर बदलने से व्यापारियों और राजनितिज्ञों के लिए काफी लाभदायक रहेगा। वहीं कुछ राशि वालों के लिए यह चुनौती पूर्ण रहेगा।
2019 में राहु और केतु अपना-अपना घर बदल रहे हैं। राहु कर्क राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। केतु मकर से धनु राशि में जाएगा। ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया कि यह परिवर्तन 6 मार्च 2019 रात्रि के समय होगा। जो 22 सितंबर 2020 तक रहेगा। राहु लगभग 18 माह तक एक राशि पर रहते है। इसी कारण इसके पहले राहु और केतु का 18 साल पहले जुलाई 2000 में राहु मिथुन ओर केतु धनु राशि पर आए थे।
भारत के पक्ष में बन रहे योग
पंडित जोशी ने बताया कि उक्त कारणों से ही देश में युद्ध की स्थिति बन रही है। जो भारत को निश्चित तौर पर जीत दिलाएगी, अधिकतर ग्रह भारत के पक्ष में योग बना रहे हंै। राहु और केतु को काली छाया ग्रह माना जाता है। राहु-केतु की काली छाया अगर इंसान की जिन्दगी पर पड़े तो इंसान की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और बहुत सारी मुसीबत खड़ी हो जाती हैं। लेकिन कभी-कभी जब राहु केतु की शुभ दृष्टि पड़ती है तो इंसान अचानक भिखारी से राजा भी बन सकता है। राहु को शनि का खास मित्र माना जाता है और केतु मंगल का मित्र माना जाता है।
राहु केतु चलते हंै उल्टी चाल
राहु-केतु हरदम वक्री यानि उल्टी चाल से ही चलते हैं। राहु-केतु सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में बुरा असर डालते हैं। यानी विद्यार्थियों पर सबसे पहले परेशानी आती है। पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता है। विद्यार्थी किताब-कॉपी से दूर भागते हैं। राहु-केतु का प्रभाव पड़ता है। तो पढऩे वाले बच्चे आलसी हो जाते हैं। उनको नींद बहुत आती है। सुबह देर तक सोते हैं।
इन राशियों पर ऐसा रहेगा प्रभाव
शुभ- मेष, सिंह, कन्या, धनु।
अशुभ- वृषभ, मिथुन, कर्क तुला।
मिश्रित- वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन।
व्यापारियों के लिए सुखद, राजनीतिज्ञों को भी राहत
ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया कि सामान्यत: ये राशि परिवर्तन जहां व्यापारियों के लिए सुखद स्थिति बनाएगा। वहीं राजनीतिज्ञों को भी राहत देगा। इस परिवर्तन का सबसे बड़ा लाभ यह रहेगा कि समस्त असामान्य स्थिति में स्थिरता बनेगी व तरक्की के नए आयाम बनेंगे। यह बदलाव प्रत्येक राशि के अनुसार अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा।
शनि के साथ केतु रहेंगे
राहु मिथुन राशि में रहेंगे जो उसकी मित्र राशि है। मिथुन राशि का स्वामी बुध है। गं्रथों के अनुसार मिथुन राशि में राहु को उच्च का माना गया है। केतु का प्रवेश धनु राशि में होगा। इस राशि में शनि भी स्थित है। इस कारण शनि और केतु का योग बनेगा। 18 साल पहले 2000-01 में राहु मिथुन और केतु धनु राशि में थे। 19 सितंबर 2020 तक राहु मिथुन में और केतु धनु राशि में रहेगा।
राशियों पर राहु-केतु के गोचर परिवर्तन का यह होगा असर
मेष- उलझन दूर होने का योग बनेगा, धन लाभ का योग है, पढ़ाई या काम पर ध्यान दें। वृषभ राशि- अचानक धन हानि हो सकता। इसलिए कहीं पर धन निवेश करने और लेनदेन में सावधानी बरतें।
मिथुन राशि-मन में दुविधा की स्थिति पैदा होगी और काम में बाधांए आ सकती हैं।
कर्क राशि-खर्चों में बढ़ोत्तरी होगी। कुछ लोगों को नींद न आने की समस्या हो सकती है।
सिंह राशि- इस राशि के जातकों के लिए राहु और केतु का राशि परिवर्तन लाभकारी होगा। मान सम्मान बढ़ेगा।
कन्या राशि- लाभ के योग हैं। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार व्यवसाय में समय अनुकूल।
तुला राशि-छोटे भाई बंधुओं को कष्ट हो सकता है। तुला राशि के यह परिवर्तन सामान्य से कमजोर रहेगा।
वृश्चिक राशि- इस राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट और दुविधा की स्थिति देखनी पड़ सकती है।
धनु राशि- इस राशि के जातकों में दामपत्य प्रेम बढ़ेगा। मानसिक चिंता, बुद्धि भ्रमित होगी।
मकर राशि- आपके लिए राहु और केतु का राशि परिवर्तन शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला होगा।
कुंभ राशि- पुत्र या पुत्री के कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। बाधाएं दूर कराने के लिए किसी जानकार विद्वान या विशेषज्ञ से सलाह लें।
मीन राशि- इस राशि के जातकों को अगले डेढ़ साल तक घरेलु कलह और कष्ट देखने को मिल सकता है।
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