scriptमोबाइल के ज्यादा उपयोग से बढ़ रहा है बहरापन | neemach news | Patrika News
नीमच

मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बढ़ रहा है बहरापन

– हजारो मरीज आ रहे सामने- 25 वर्ष की उम्र वालों को भी बहरेपन की शिकायत

नीमचMar 07, 2019 / 11:51 am

Mahendra Upadhyay

patrika

मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बढ़ रहा है बहरापन

नीमच। देश मे आठ से दस प्रतिशत आबादी आज बहरेपन (कम सुनाई देने) की समस्या से जूझ रही है। लाख में से २९० लोगों में यह रोग सामने आ रहा है। एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार रोज दो से चार घंटे लगातार मोबाइल का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं में बहरापन बढ़ रहा है। पहले ४५ से ५० वर्ष की उम्र में कम सुनाई देने की समस्या होती थी, आज २५ वर्ष की उम्र में कान संबंधी समस्याएं सामने आ रही है।
ईएनटी सर्जन डॉ. एनके मंगल ने बताया कि खासकर स्टूडेंट में मोबाइल से ईयरफोन कनेक्ट कर घंटो बाते करना और तेज आवाज में सांग सुनने का ट्रेंड बन गया है। जिससे बहरेपन की समस्या से ग्रस्त हो रहे है। रोजना से चार से पांच २५ वर्ष की उम्र से कम वाले बहरेपन की शिकायत लेकर दिखाने आते है। जिनके पीछे मुख्य कारण मोबाइल पर घंटो बात करना या शोरगुल वाले स्थान पर रहना सामने आ रहा है। बहरेपन की समस्या कम उम्र वालों में तेजी से बढ रही है। जबकि पूर्व में यह समस्या ४० से ४५ उम्र के बाद पैदा होती थी। तेज ध्वनि वाले स्थान से परहेज करना चाहिए जैसे डीजे, अधिक शोरगुल ट्रेफिक, मोबाइल का अधिक उपयोग से दूर रहना चाहिए। वहीं सर्दी और जुकाम में भी एतिहात बरतनी चाहिए कभी सर्दी कान में धुसने से भी बहरापन पैदा हो जाता है। वहीं कान में कभी भी काड़ी या अन्य वस्तु साफ करने के लिए नहींं डालनी चाहिए। वहीं नहाते समय भी अमूमन तेजी से कान पर पानी डालते है। इससे भी बचना चाहिए। यह सभी व्यक्ति को बहरा करने में सहायक है।

नवीनतम टेली मेडिसन कंसेप्ट
नवीनतम टेली मेडिसन कंसेप्ट है, जिसमें एंट्रा व्यू डिवाइस से रोगी के कानों की तीन मिनट में स्क्रीनिंग जांच में कान के परदे की स्थिति व सुनने की क्षमता कम होने का पता चल जाता है। बाद में रोगी के हैल्थ डाटा व कान के पर्दे के फोटो को क्लाउड कम्प्यूटिंग से एनालाइज करके ईएनटी विशेषज्ञ इलाज करते है। सुनने की की सामान्य क्षमता २५ से ३० डेसीबल होती है, लेकिन तेज आवाज या नियमित शोरगुल में रहने से हियरिंग लॉस होने लगता है। एक अध्ययन में यातायात पुलिसकर्मियों में वाहनों की तेज शोर के कारण व्यवहार में चिडचिड़ापन होने लगा है। ड्यूटी से घर लौटकर वे इरिटेशन से ग्रस्त होते हैं। वर्तमान में अधिक मोबाइल का उपयोग और घंटो कान में ईयर फोन लगाकर गाने से सुनने से भी बहरापन की शिकायत हो रही है।
– अनिल दुबे, ईएनटी रोग विशेषज्ञ नीमच।

Home / Neemuch / मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बढ़ रहा है बहरापन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो