नवीनतम टेली मेडिसन कंसेप्ट है, जिसमें एंट्रा व्यू डिवाइस से रोगी के कानों की तीन मिनट में स्क्रीनिंग जांच में कान के परदे की स्थिति व सुनने की क्षमता कम होने का पता चल जाता है। बाद में रोगी के हैल्थ डाटा व कान के पर्दे के फोटो को क्लाउड कम्प्यूटिंग से एनालाइज करके ईएनटी विशेषज्ञ इलाज करते है। सुनने की की सामान्य क्षमता २५ से ३० डेसीबल होती है, लेकिन तेज आवाज या नियमित शोरगुल में रहने से हियरिंग लॉस होने लगता है। एक अध्ययन में यातायात पुलिसकर्मियों में वाहनों की तेज शोर के कारण व्यवहार में चिडचिड़ापन होने लगा है। ड्यूटी से घर लौटकर वे इरिटेशन से ग्रस्त होते हैं। वर्तमान में अधिक मोबाइल का उपयोग और घंटो कान में ईयर फोन लगाकर गाने से सुनने से भी बहरापन की शिकायत हो रही है।
– अनिल दुबे, ईएनटी रोग विशेषज्ञ नीमच।