सरकार आधार कार्ड से आपके ड्राइविंग लाइसेंस को लिंक करने की कई वजह गिना रही है। इसमें से एक वजह को जानना बेहद जरूरी है और इसके फ ायदे होना भी तय है। दरअसल, कई लोग अपने ड्राइविंग लाइसेंस का डुप्लीकेट बनवा लेते हैं। इसके गलत इस्तेमाल की भी आशंका रहती है। सरकार इसे रोकना चाहती है।
सही पहचान संभव होगी।
कई बार देखा जाता है कि अगर किसी वाहन चालक पर किए गए जुर्माने की राशि ज्यादा होती है तो वो या तो इसे भरता ही नहीं है और भरता भी है तो काफी वक्त बाद। कई बार तो जुर्माना भरने के बजाए नए ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिए जाते हैं। आधार और ड्राइविंग लाइसेंस की लिंकिंग के बाद ऐसा करना संभव नहीं हो सकेगा। इसका सीधा फ ायदा सरकार को होगा।
संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाएं। वहां लिंक आधार ऑप्शन को सिलेक्ट करें। यहां अपना ड्राइविंग लाइसेंस नंबर डालें। अब आपके सामने डीटेल्स होंगी। यहां अपना 12 अंकों वाला आधार नंबर दर्ज करें। इसके साथ ही आपको वो मोबाइल नंबर भी दर्ज करना होगा जो रजिस्टर्ड है। इसके बाद सबमिट करें। कुछ ही देर में कन्फर्मेशन का मैसेज आपके फोन पर आ जाएगा।
सॉफ्टवेयर के तैयार होने के बाद सभी लोगों को अपने ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करवाना होगा। इस सॉफ्टवेयर में देशभर के ड्राइविंग लाइसेंस धारकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इस सिस्टम के लागू होने के बाद ड्राइवर की तरफ से किए गए ट्रैफि क उल्लंघन का भी पूरा रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर में होगा।
-विक्रम कंग, आरटीओ नीमच।