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नव संवत्सर के राजा होंगे शनि, मंत्री रहेंगे सूर्य

-गुड़ी पड़वा के साथ शुरू होगा संवत 2076 -इस साल पड़ेगा एक सूर्य और एक चंद्र ग्रहण

नीमचApr 02, 2019 / 07:35 pm

Mahendra Upadhyay

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नव संवत्सर के राजा होंगे शनि, मंत्री रहेंगे सूर्य

नीमच. तीन दिन बाद हिंदू नववर्ष संवत २०७६ गुड़ी पड़वा के दिन ६ अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इस संवत्सर का नाम परिधावी है जो शनिवार से शुरू होगा। इसलिए इस साल के राजा शनि और सूर्य मंत्री रहेंगे। यह साल में भूमि, भवन, संपत्ति के नाम से सकरात्मक परिवर्तन नजर आएंगे, वहीं एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्रग्रहण रहेंगे।
ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया कि पंचांगीय गणना के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ६ अप्रैल से हिंदू नववर्ष प्रारंभ होगा है। इस संवत्सर का नाम परिधावी है। इस दिन रेवती नक्षत्र रहेगी। जिस दिन से संवत्सर की शुरुआत होती है। वह दिन या दिनाधिपति उस वर्ष का राजा होता है। शनिवार के दिन के मान से इस साल के राजा शनि होंगे। इस संवत में तीन संवत आएंगे। जिनके नाम परिधावी, प्रमादी और आनंद रहेंगे। लेकिन संकल्प में अभी परिधावी ही उच्चारित किया जाएगा। इस संवत में एक चन्द्रग्रहण जो 16 जुलाई तथा एक सूर्यग्रहण जो 26 दिसंबर को भारत के साथ कुछ देशों में दिखाई देंगे। जोशी ने बताया कि हिंदू नववर्ष मिश्रित फल देने वाला होगा। राजनीतिक परिवर्तन होंगे। भूमि, भवन संपत्ति के मान से सकारात्मक परिवर्तन दिखेंगे। सामाजिक दृष्टिकोण से मूल्यों के स्तर पर गिरावट दिखाई देगी। बारिश का प्रभाव मध्यम रहेगा। खेती अनुपातिक ही होगी। पड़ोसी राष्ट्रों के मध्य अस्थिरता से परेशानी आएगी।
ग्रहों का इस साल पर असर
राजा शनि- जनमानस आध्यात्म की अनुभूति करेगा। बारिश के नजरिए से प्राकृतिक प्रभाव परेशानी उत्पन्न करेगा।
मंत्री सूर्य-पूर्वोत्तर में उत्तम कृषि तथा धान्य की स्थिति में सुधार होगा। फलों का अधिक उत्पादन होने से रस पदार्थों में मंदी रहेगी।
सदयेश मंगल- पशुधन पर संकट रहेगा। संक्रमण का प्रभाव बढ़ेगा। दक्षिण के कुछ प्रांतों में पेयजल संकट होगा।
धान्येश चंद्र-बारिश में आध्यात्मिक अनुष्ठान से स्थिति अच्छी होगी। पशुधन की सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
रसेस गुरु-श्रावण व भादो में जल की स्थिति अच्छी रहेगी। जल स्रोत लबालब रहेंगे। औषधियों का उत्पादन बढ़ेगा।
रेवती नक्षत्र- नए साल की शुरुआत रेवती नक्षत्र में होने से प्रकृति संतुलन बना रहेगा। रेवती नक्षत्र पंचक का पांचवां नक्षत्र है। जिसका अधिपति पुषा है। ऋग्वेद की मान्यता के अनुसार यह प्रकृति के संतुलन का देवता है।
नववर्ष में इस दिन आएंगे यह त्यौहार
6 अप्रैल-गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्र प्रारंभ
17 अप्रैल- महावीर जयंती
19 अप्रैल- हनुमान जयंती
16 जुलाई- गुरु पूर्णिमा
5 अगस्त- नागपंचमी
15 अगस्त- रक्षाबंधन
23 अगस्त- जन्माष्टमी
2 सितंबर- हरतालिका तीज
3 सितंबर- गणेश चतुर्थी, गणेशोत्सव
12 सितंबर- अनंत चतुदर्शी
13 सितंबर- श्राद्धपक्ष प्रारंभ
28 सितंबर- सर्व पितृ अमावस्या
29 सितंबर- शारदीय नवरात्रि
8 अक्टूबर- दशहरा
17 अक्टूबर- करवा चौथ
27 अक्टूबर- दीपावली
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